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बाढ़ जैसी आपदा से निपटने के लिए नासा ने लॉन्च की नई सैटेलाइट..

अमेरिकी स्पेस एजेंसी द नेशनल एयोरनोटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) पृथ्वी पर मौजूद पानी को लेकर बड़ा प्रयोग करने जा रही है. नासा धरती के समुद्रों, नदियों, झीलों और जलाशयों के पानी का परीक्षण करेगी. इसके लिए उसने शुक्रवार को उपग्रह भी लॉन्च कर दिया है. सरफेस वॉटर एंड ओशन टोपोग्राफी (एसडब्ल्यूओटी) अंतरिक्ष यान को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया गया. इस रॉकेट ने कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरी. नासा की यह सैटेलाइट पृथ्वी के 90 फीसदी पानी को मापेगी और बाढ़-सूखे की सटीक जानकारी देगी.

दरअसल इस मौके पर नासा के प्रशासक बिल नेल्सन भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि दुनिया आज प्रतिकूल मौसम की मार, जंगलों की आग और गर्म हो रहे समुद्र जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रही है. हमें अगर जलवायु संकट से लड़ना है तो सभी को एक जैसा दृष्टिकोण रखना होगा. आज इसकी जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरफेस वॉटर एंड ओशन टोपोग्राफी (एसडब्ल्यूओटी) का तैयार करने में लंबा समय लगा. यह अंतरराष्ट्रीय साझेदारी की मदद से तैयार की गई और यह इस साझेदारी की बड़ी उपलब्धि है.

जलवायु संकट की चुनौतियों का सामना करेगी
उन्होंने कहा कि इस सैटेलाइट के माध्यम से समुदाय या दुनिया संगठित होगी और मिलकर बड़ी से बड़ी जलवायु संकट की चुनौतियों का सामना करेगी. गौरतलब है कि इस सैटेलाइट को नासा, फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी सेंटर नेशनल डी’ट्यूड्स स्पैटियालेस (सीएनईएस), कैनेडियन स्पेस एजेंसी और यूके स्पेस एजेंसी ने मिलकर बनाया है.

दुनिया बाढ़ जैसे हालात से कैसे निपट सकती है
जानकारी के मुताबिक, यह सैटेलाइट धरती पर मौजूद समुद्रों, झीलों, तालाबों, जलाशयों के 90 फीसदी पानी को मापेगी. यह पता लगाएगी कि जलवायु परिवर्तन पर समुद्र कैसे प्रभाव डालता है. गर्म जगहों का नदियों, जलाशयों और झीलों पर क्या प्रभाव होता है. इसके अलावा इस सैटेलाइट से यह भी पता चलेगा कि दुनिया बाढ़ जैसे हालात से कैसे निपट सकती है.

पूरी पृथ्वी की सतह को कवर करेगी
बताया जा रहा है कि यह सैटेलाइट 78 डिग्री दक्षिण और 78 डिग्री उत्तरी अक्षांश के बीच पूरी पृथ्वी की सतह को कवर करेगी. इस काम को यह हर 21 दिन में कम से कम एक बार जरूर करेगी. यह रोज करीब एक टेराबाइट डेटा वापस भेजेगी. नासा अर्थ साइंस डिविजन के निदेशक करेन सेंट जर्मेन ने इस सैटेलाइट को लेकर कहा कि हम इसे देखकर उत्साहित हैं. यह सैटेलाइट हमारे विकास का प्रतीक है. यह बताती है कि हम कैसे विज्ञान और तकनीक का मिश्रण कर इंसानों का जीवन बेहतर बना रहे हैं.

Jyoti Singh

I'm Jyoti Singh As a writer, I feel like I can easily go with the flow of the writing process and knock out an essay in a short period of time by just writing whatever comes to mind without it being a bad paper due to it being done fast. I always do my assignments in one sitting and the day that it is due.Covers Political, Entertainment and Sports News.

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