म्यांमार में प्रदर्शनकारियों पर दूसरी बार फायरिंग: 18 लोगों की मौत, UN में आवाज उठाने वाले राजदूत को सेना ने किया बर्खास्त

म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर रविवार को पुलिस ने फायरिंग की। इसमें 18 लोगों की मौत हुई और 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने भी प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए पुलिसिया कार्रवाई की कड़ी निंदा की और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बर्बर कार्रवाई रोकने को कहा।

वहीं संयुक्त राष्ट्र में सेना के खिलाफ आवाज उठाने वाली म्यांमार के राजदूत क्याव मो तुन को बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने विश्व समुदाय से सैन्य शासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था को तत्काल बहाल करने की गुहार लगाई थी।

बता दें कि तख्तापलट और देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की को गिरफ्तार किए जाने के बाद से म्यांमार में प्रदर्शनों का दौर जारी है। नवंबर में हुए चुनाव में सू की पार्टी ने जोरदार जीत दर्ज की थी, लेकिन सेना ने धांधली की बात कहते हुए परिणामों को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था।

रविवार को सबसे बड़े शहर यंगून सहित देश के विभिन्न हिस्सों में लोकतंत्र समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर तख्तापलट का विरोध किया। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने स्टेन ग्रेनेड, आसूं गैस के गोले और हवा में फायरिंग की। जब इस पर भी प्रदर्शनकारी टस से मस नहीं हुए तो पुलिसवालों ने छिपकर प्रदर्शनकारियों को अपना निशाना बनाया।

मीडिया में चल रही तस्वीरों में घायल हुए लोगों को उनके साथी उठाकर ले जाते दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं फुटपाथ पर खून के धब्बे दिखाई दे रहे हैं। यंगून स्थित एक डॉक्टर ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि अस्पताल लाए जाने के बाद एक व्यक्ति की मौत हुई। उसके सीने पर गोली लगी थी।

वहीं यंगून में ही टीचरों के प्रदर्शन को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने स्टेन ग्रेनेड का उपयोग किया, जिसके चलते एक महिला टीचर को दिल का दौरा पड़ा और उसकी तत्काल मौत हो गई। यंगून के एक अन्य इलाके में पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में तीन लोग मारे गए हैं जबकि म्यांमार की मीडिया ने मांडले में दो लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। कई लोग घायल भी बताए जाते हैं।

यंगून मेडिकल स्कूल के बाहर भी पुलिस द्वारा स्टेन ग्रेनेड फेंकने का पता चला है। डॉक्टरों के संगठन ‘व्हाइटकोट अलायंस ऑफ मेडिक्स’ ने कहा कि पचास से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य शहरों में भी विरोध-प्रदर्शन की जानकारी मिली है। तख्तापलट के बाद किए गए विरोध-प्रदर्शनों में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है।

म्यांमार में तख्तापलट की अधिकांश देशों ने निंदा की है, लेकिन चीन की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। कहा जा रहा है कि चीन तख्तापलट का समर्थन कर रहा है। ताइवान टाइम्स के मुताबिक चीनी सैनिकों को विमानों से लाया गया और म्यांमार के कई शहरों में देखा गया है। इंटरनेट मीडिया में भी इस तरह के दावे किए जा रहे हैं।

Khushi Sonker

Khushi Sonker covers National, International, and Corona News Sections. She believes that writing a news article is a different form of writing because news articles present information in a specific way. Hence, she tries to convey all the relevant information in a limited word count and give the facts to the audience concisely.

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