म्यांमार में पिछले महीने हुए सैन्य तख्तापलट का विरोध में बडे़ व्यापार यूनियनों ने सोमवार से देशव्यापी अनिश्चितकालीन बंद बुलाया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार रविवार को यांगून, मांडले और बागान समेत देश के कई शहरों में प्रदर्शन हुए हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए कथित तौर पर ग्रेनेड का इस्तेमाल किया और गोलियां भी चलाईं। इस दौरान कम से कम 70 लोग गिरफ्तार किए गए।
ये प्रदर्शन तब और तेज हो गए, जब म्यांमार की नेता और आंग सान सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी के एक सदस्य खिन मौंग लाट रविवार की सुबह एक सैन्य अस्पताल में मृत पाए गए। सोशल मीडिया पर इस तरह के संदेह जताए जा रहे हैं कि खिन (58) की मौत हिरासत में पिटाई के दौरान हुई। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, सेना हम लोगों को पक्षियों और मुर्गियों की तरह मार रही है।
बताया जा रहा है कि एक फरवरी के बाद से यह देश में सबसे बड़ा प्रदर्शन था। देश के नौ यूनियनों के संगठन ने कहा है कि वक्त आ गया है कि हम अपने लोकतंत्र को बचाएं। वहीं, सेना ने देश के अस्पतालों और विश्वविद्यालयों में कब्जा जमा लिया है।
रिपोर्टों के अनुसार, बागान इलाके में प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों ने गोलीबारी भी की जिसमें कई लोग घायल हो गए। सोशल मीडिया पर प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा बताए गए आंखों देखा हाल और वीडियो के जरिये यह जानकारी सामने आई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा बलों की कार्रवाई में पांच लोग घायल हुए हैं। बागान को देश के शीर्ष पर्यटक केंद्रों में से एक के रूप में जाना जाता है, लेकिन सेना के तख्तापलट के खिलाफ यहां बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार म्यांमार के कई शहरों और नगरों में हर रोज प्रदर्शन हो रहे हैं और सुरक्षा बल जवाबी कार्रवाई करते हुए बल प्रयोग और गिरफ्तारियां भी कर रहे हैं।
कार्यालय के अनुसार एक फरवरी को सान सू की को नजरबंद किए जाने के बाद इन प्रदर्शनों में अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, राजनीतिक कैदियों के लिए स्वतंत्र सहायता संघ ने दावा किया है कि 1700 लोगों को नजरबंद किया गया है।
म्यांमार की सैन्य सरकार ने भारत से कहा है कि वह आठ म्यांमार पुलिस के लोगों को उन्हें सौंप दे। मिजोरम के सरछिप जिले की पुलिस का कहना है कि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि शरण लिए हुए लोग आम नागरिक हैं या पुलिस के जवान।
जिले की पुलिस का कहना है कि इन सभी लोगों की विस्तृत जानकारी गृह विभाग को भेजा गया है। पुलिस सरकार के अगले निर्देश का इंतजार कर रही है।
इस बीच, मिजोरम पुलिस का कहना है कि हाल में 100 से अधिक लोगों ने राज्य में शरण लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने का प्रयास किया था। हालांकि, बार्डर पर तैनात असम राइफल्स के सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में अवैध प्रवेश की अनुमति नहीं दी।