अरबपति मुकेश अंबानी ने पिछले वित्त वर्ष में अपनी प्रमुख कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज से लगातार दूसरे साल कोई वेतन नहीं लिया है. इसका मुख्य कारण कोरोना महामारी है जिससे व्यापार और अर्थव्यवस्था काफी बुरी तरह प्रभावित हुई थी।
अपनी ताजा सालाना रिपोर्ट में रिलायंस ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अंबानी की सैलरी शून्य थी। जून 2020 में, मुकेश अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, स्वैच्छिक रूप से वर्ष 2020-21 के लिए अपने वेतन को त्यागने का फैसला किया जो कि भारत में कोविड-19 के प्रकोप के प्रकाश में था जो की राष्ट्र के सामाजिक,आर्थिक, टेक्नोलॉजिकल और स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक रहा.
इन दोनों वर्षों में अंबानी ने चेयरमैन और प्रबंध निदेशक की भूमिका के लिए रिलायंस से किसी तरह के भत्ते, अनुलाभ, सेवानिवृत्त लाभ, कमीशन या स्टॉक विकल्प का लाभ नहीं लिया।
इससे पहले, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक का वेतन 2008-09 से 15 करोड़ रुपये था, ताकि प्रबंधकीय मुआवजे के स्तर में संयम का एक व्यक्तिगत उदाहरण स्थापित किया जा सके।
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