महाराष्ट्र में काल बनकर आई मानसून की बारिश, 129 लोगों ने गंवाई जान, मलबे में अब भी दबे हैं कई शव

महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने कहर मचा दिया है। भारी बारिश राज्य के लोगों पर मुसीबत बनकर टूटी है। इसके चलते पिछले दो दिनों में 129 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। पिछले 24 घंटों में रायगढ़, रत्नागिरी और सतारा में हुई इन घटनाओं में कई लोग अब भी मलबे में दबे हैं। बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के अलावा नौसेना ने भी मोर्चा संभाल रखा है। 

मुख्यमंत्री बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का करेंगे दौरा
इस बीच खबर है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज दोपहर 12 बजे मुंबई से हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित रायगढ़ जिले के महाड तहसील के लिए रवाना होंगे। वह अपनी यात्रा के दौरान बाढ़ प्रभावित गांव तलिये का भी दौरा करेंगे।

रायगढ़ जिला कलेक्टर, निधि चौधरी ने जानकारी दी कि महाड में दो जगहों पर मलबे में से अब तक 44 शव निकाले जा चुके हैं जबकि 35 घायलों का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि रायगढ़ जिले में छह जगहों पर भूस्खलन हुआ है। एक स्थान पर बचाव कार्य अभी भी जारी है। मौके पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों के मुताबिक, मलबे में करीब 50 और लोगों के दबे होने की आशंका है।

136 आकस्मिक मौतें
इधर, महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा कि महाराष्ट्र में बारिश और मानसून से संबंधित अन्य घटनाओं के कारण शुक्रवार (23 जुलाई) की शाम तक 136 आकस्मिक मौतें हुई हैं।

महाराष्ट्र के समुद्रतटीय कोंकण, रायगढ़ और पश्चिम महाराष्ट्र में पिछले तीन दिनों से मूसलधार बारिश हो रही है। इसी क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध पर्यटनस्थल महाबलेश्वर में पिछले तीन दिनों में 1500 मिमी. बारिश रिकार्ड की गई है। भारी बारिश के कारण रत्नागिरी जिले के चिपलूण शहर बड़ा हिस्सा गुरुवार को जलमग्न था। शुक्रवार को चिपलूण में जलस्तर कम होने के बाद वहां हुए नुकसान की भयावहता दिखाई दी। कई इलाकों में पहाड़ों पर भूस्खलन होने से सौ से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। भूस्खलन के अलावा कई लोग बाढ़ के तेज बहाव में बह गए।

रायगढ़ के तलाई गांव में भूस्खलन में गांव के तीस घर दबे
तटीय जिले रायगढ़ में भूस्खलन से गांव दबने से अब तक 44 लोगों के मौत की पुष्टी हुई है जबकि 35 लोग घायल हुए हैं। वहीं मुंबई में एक मकान गिरने से चार लोगों की मौत हुई व सात घायल हुए। इसके अलावा सतारा व रायगढ़ में अलग-अलग घटनाओं में 28 लोंगों की जान गई। महाबलेश्वर, नवाजा, रत्नागिरी, कोल्हापुर में भारी बारिश ने बाढ़ का रूप ले लिया और सैकड़ाें गांवों से संपर्क टूट गया।

रायगढ़ की महाड तहसील के तलाई गांव में बृहस्पतिवार रात आए भूस्खलन में गांव के तीस घर दब गए। रास्तों में पानी भरा होने के कारण राहत टीमें कुछ देर से पहुंचीं। बचाव कार्य में जुटी पुलिस ने अब तक मलबे के नीचे से 44 शव निकाले हैं। मलबे और लोगों के दबे होने की आशंका है।

वहीं, पूर्वी मुंबई के गेवांडी के शिवाजी नगर इलाके में सुबह पांच बजे एक मकान गिर गया। सात दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंच और दबे 15 लोगों को निकाला है जिनमें 11 की हालत खराब थी और उन्हें दो अलग अलग अस्पताल पहुंचाया गया।

घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल में डॉक्टरों ने नेहा परवेज शेख, मोकार जबीर शेख और फरीन शेख को मृत घोषित कर दिया जबकि शमशाद शेख नाम की महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके अलावा कुछ लोगों को सायन के लोकमान्य तिलक अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है।

वहीं सातारा की पाटण तहसील में पहाड़ी की तराई में बसे आंबेघर में आधीरात को हुए भूस्खलन से बच्चों समेत 12 लोगों की मौत हो गई, 15 लोग घायल हैं। मीरागांव में एक मकान के मलबे में दबे 8 लोगों की मौत हुई।

उधर, चिपलून के कोविड अस्पताल में पानी घुसने से वेंटिलेटर पर उपचाराधीन आठ मरीजों ने दम तोड़ दिया। एनडीआरएफ, नौसेना व वायुसेना की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं और सीएम उद्धव ठाकरे लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

मोदी-शाह ने की उद्धव से बात हर संभव मदद का दिया भरोसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात कर स्थिति का जायजा लिया और केंद्र से हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। राहत कार्य में जुटी राज्य व एनडीआरएफ के साथ नौसेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी डिप्टी सीएम अजित पवार से बात कर स्थिति का जायजा लिया और सेना के हर संभव सहयोग का भरोसा दिया।

रायगढ़ भूस्खलन में मरने वालों के परिवार को दो लाख देगा केंद्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायगढ़ में भूस्खलन के हादसे पर दुख जताया और मरने वालों की आत्मा की शांति को लेकर प्रार्थना की। उन्होंने मुश्किल के इन क्षणों में पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के परिवारों को दो दो लाख रुपये देने की घोषणा की। घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएं।

Khushi Sonker

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