लखनऊ विश्वविद्यालय (LU) में धरना- प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले स्टूडेंट्स और अब शिक्षकों ने विभिन्न मांगों को लेकर विश्वविद्यालय में धरना शुरू कर दिया है। शनिवार देर रात लखनऊ यूनिवर्सिटी एसोसिएटेड कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (LUACTA) के बैनर तले लखनऊ के साथ लखीमपुर हरदोई, सीतापुर रायबरेली के शिक्षकों ने भी धरना दिया।
धरना-प्रदर्शन के दौरान सभी शिक्षकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा की, इस बार ग्रीष्मकालीन अवकाश 6 सप्ताह का दिया गया है। जबकि परिनियमावली व्यवस्था के अनुसार LU के शिक्षकों की 8 और कॉलेज के शिक्षकों को 10 सप्ताह का अवकाश मिलता है। अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने कहा की, अगर अवकाश में कटौती करनी भी है तो दोनों में से 2 – 2 सप्ताह की करें,न कि कॉलेज के शिक्षकों में 4 सप्ताह के अवकाश की कटौती करें।
वहीँ लखीमपुर, रायबरेली सीतापुर, हरदोई के शिक्षकों ने बताया की, मूल्यांकन के समय ठहरने के लिए अलग परीक्षा भवन आवास, कक्ष निरीक्षक एवं परीक्षा मूल्यांकन के बाद तुरंत भुगतान की व्यवस्था नहीं है। इसके साथ ही शिक्षकों ने बताया की, महाविद्यालयों के सभी प्रोफेसर को परिनियम के अनुसार सभी अकादमिक समितियों का सदस्य बनाने, पीएचडी में प्रवेश के साथ को शोधार्थियों को शोध निदेशक दिए जाने, अर्थशास्त्र विभाग द्वारा पीएचडी अध्यादेश के विपरीत सीटों का आवंट करने व शिक्षकों को ऑनलाइन कोर्स के न कराए जाने जैसे मामलों के समाधान के लिए कई बार बात की गई, पर इसपर कोई भी सकारात्मक रुख नही दिखाया गया। ऐसे में मजबूर होकर धरना दे रहे।
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