सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को लोन मोराटोरियम पॉलिसी में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह सरकार को पॉलिसी पर कोई भी निर्देश नहीं दे सकती और लोन मोराटोरियम की अवधि छह महीने से अधिक बढ़ाए जानें से मना कर दिया।
लोन मोराटोरियम केस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को आर्थिक फैसले लेने का अधिकार है। क्योंकि महामारी के चलते सरकार को भी भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। कोर्ट ने कहा कि 31 अगस्त के बाद मोराटोरियम की अवधि नहीं बढ़ाई जा सकती।
2020 में मार्च-अगस्त के दौरान लोन मोराटोरियम योजना का लाभ काफी लोगों ने लिया, लेकिन फिर उन लोगों की शिकायत थी कि बैंक बकाया राशि पर ब्याज के ऊपर ब्याज लगा रहे हैं। यहीं से यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले पर सवाल पूछा कि ईएमआई नहीं देने पर राहत देने के बाद अतिरिक्त ब्याज क्यों लिया जा रहा है, तो सरकार ने अपने जवाब में कहा कि 2 करोड़ रुपए तक के कर्ज के लिए बकाया किश्तों के लिए ब्याज पर ब्याज नहीं लगाया जाएगा।
लखनऊ 17 फरवरी। जीवन में स्वास्थ्य का महत्व सर्वोपरि है। आज कल सब लोगो को…
लखनऊ की पूर्व एंकर इति राज ने मिसेज इंडिया यूनिवर्सल 2023 फर्स्ट रनरअप का खिताब…
2002 के गुजरात के गोधरा कांड पर आधारित फिल्म ‘एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा’ का टीजर…
1971 में अस्तित्व में आए बांग्लादेश चीनी कर्ज में फंसता जा रहा है. बांग्लादेश के…
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर नई संसद में…
तमिलनाडु के बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नमलाई ने चेन्नई सुपरकिंग्स को पांचवीं बार आईपीएल विजेता बनने…