रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से नियुक्त लक्ष्मी विलास बैंक के प्रशासक टीएन मनोहरन ने ग्राहकों को भरोसा दिलाया है कि उनका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि जमाकर्ताओं का पैसा लौटाने के लिए बैंक के पास पर्याप्त नकदी है. अभी हमारी शीर्ष प्राथमिकता बैंक के डिपॉजिटर्स का भरोसा बरकरार रखना है. साथ ही उन्होंने कहा कि डीबीएस इंडिया में लक्ष्मी विलास बैंक का विलय तय समय में पूरा हो जाएगा.
आरबीआई प्रशासक मनोहरन ने बताया कि लक्ष्मी विलास बैंक के पास 20,000 करोड़ रुपये डिपॉजिट हैं. वहीं, बैंक ने 17,000 करोड़ रुपये कर्ज के तौर पर दे रखी है. बता दें कि आरबीआई ने 17 नवंबर को संकटग्रस्त लक्ष्मी विलास बैंक को मोरेटोरियम में डाल दिया था. साथ ही 16 दिसंबर तक कई तरह की पाबंदी लगा दी थी. साथ ही बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की पावर सीज कर दी हैं. वहीं, मोरेटोरियम अवधि के दौरान ग्राहक 25,000 रुपये से ज्यादा बैंक से नहीं निकाल पाएंगे.
रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक को बचाने के लिए डीबीएस बैंक में विलय की भी घोषणा कर दी. आरबीआई के मुताबिक, डीबीएस लक्ष्मी विलास बैंक में 2,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा. इसके तहत लक्ष्मी विलास बैंक की 560 शाखाओं के जरिये डीबीएस बैंक की पहुंच इसके होम, पर्सनल लोन और स्मॉल स्केल इंडस्ट्री लोन ग्राहकों तक हो जाएगी. दूसरी ओर, लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं को भी फायदा होगा. बता दें कि पिछले तीन साल में नुकसान के चलते एलवीबी का नेटवर्थ खत्म हो चुका है. किसी तरह की रणनीतिक योजना नहीं होने, घटते कर्ज और बढ़ते नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स की वजह से नुकसान जारी रहने की उम्मीद है.
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