वित्तीय संकट से जूझ रही टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. कुमार मंगलम बिड़ला ने नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन और डायरेक्ट पद से इस्तीफा दे दिया है. वोडाफोन आइडिया के बोर्ड ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है. वोडाफोन आइडिया के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने गैर-कार्यकारी निदेशक हिमांशु कपानिया को नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन नियुक्त किया.
बता दें कि वोडाफोन आइडिया गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही है. फंड जुटाने की उसकी कोशिशें नाकाम रही हैं. बिड़ला ने हाल ही में कर्ज में डूबी कंपनी को बाहर निकालने के लिए एक तत्कालिक सरकारी पैकेज की मांग की थी. 31 अगस्त, 2018 में वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर का विलय हुआ था. तब से यह कंपनी लगातार घाटे में है इस पर 1.80 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है.
कंपनी ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा, वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल ने आज अपनी बैठक में कुमार मंगलम बिड़ला के नॉन एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और नॉन एग्जिक्यूटिव चेयरमैन पद छोड़ने के अनुरोध को चार अगस्त, 2021 को कामकाजी घंटों की समाप्ति से स्वीकार कर लिया.
कर्ज में डूबी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vi) अब बंद होने के कगार पर पहुंच गई है. कुमार मंगलम बिड़ला ने केंद्र सरकार को लिख खत में कहा है कि वह कंपनी को बचाने के लिए अपनी प्रमोटर हिस्सेदारी छोड़ने को तैयार हैं. वोडाफोन आइडिया में उनकी हिस्सेदारी 27 फीसदी और ब्रिटिश टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन पीएलसी की हिस्सेदारी 44 फीसदी है.
टेलिकॉम इंडस्ट्री के दिग्गज हिमांशु कपानिया को नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया गया है. कपानिया वोडाफोन आइडिया के बोर्ड में आदित्य बिड़ला ग्रुप के नॉमिनी हैं और कंपनी में उनकी 27 फीसदी हिस्सेदारी है.इसके अलावा, आदित्य बिड़ला ग्रुप के नामित सुशील अग्रवाल को बुधवार से एडिशनल डायरेक्टर (नॉन-एग्जिक्यूटिव और नॉन-इंडिपेंडेंट) के रूप में नामित किया गया है.
कपानिया के पास टेलीकॉम सेक्टर में काम करने का 25 साल का अनुभव है. उनके पास वैश्विक दूरसंचार कंपनियों में शीर्ष स्तर पर काम करने का भी अनुभव है. उन्होंने दो साल के लिए ग्लोबल जीएसएमए बोर्ड में भी काम किया है और दो साल के लिए सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी रहे हैं.