कृषि कानूनों के खिलाफ 45 दिनों से आंदोलन पर बैठे किसानों को फिर से सरकार के साथ वार्ता के लिए 15 जनवरी की तारीख मिली है। राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 15 जनवरी की मीटिंग में तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर गारंटी की मांग को ही रखा जाएगा। उन्होंने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि फैसला अब गर्मियों में जाकर होगा। किसानों के लिए कूलर के ऑर्डर दे दिए गए हैं। आंदोलन अब 2024 तक चलेगा। उधर, नौवें दौर की वार्ता से पहले किसानों ने यूपी गेट पर रविवार दोपहर में पहलवानों का दंगल कराने का ऐलान किया है। इसमें देश भर के पहलवान हिस्सा लेंगे। वहीं 11 किसानों ने सुबह आठ बजे से आंदोलन स्थल पर बैठकर भूख हड़ताल शुरू कर दी।
यूपी गेट पर आंदोलन में शामिल किसान सरकार के साथ आठवें दौर की वार्ता में कोई निष्कर्ष न निकलने के मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे। जिसमें किसान आंदोलन के लंबा खींचने पर अपना पूरा समर्थन देने का दावा कर रहे थे। वहीं कई किसानों का कहना था कि जब तक सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती तब तक वह वापस घर नहीं जाएंगे। इसी बीच राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का बड़ा बयान आया। उन्होंने कहा कि कानून वापस नहीं होगा तो आंदोलन अब 2024 तक चलेगा। 26 जनवरी की परेड को लेकर कहा कि किसानों के ट्रैक्टर और जवानों के टैंक एक ही स्पीड में चलेंगे। टैंक कितनी स्पीड में चलते हैं उसका पता किया जा रहा है। 15 जनवरी को होने वाली मीटिंग लेने के हिस्सा लेने पर उन्होंने कहा कि रविवार को सिंघु बॉर्डर पर कमेटी की बैठक में आगे की रणनीति तय होगी।