कृषि कानूनों के विरोध में सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर कड़ाके की ठंड में प्रदर्शन कर रहे देश के किसानों का आंदोलन आज 44वें में दिन में प्रवेश कर चुका है। एक ओर जहां कल किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर सरकार को अपनी शक्ति का अहसास कराया वहीं आज वह सरकार के साथ आठवें दौर की बैठक कर एक बार फिर अपनी मांगों को किसानों के सामने रखेंगे। किसान नेताओं संग बैठक से पहले कृषि मंत्री तोमर ने साफ कर दिया है कि कानून वापसी के मुद्दे को छोड़कर सरकार हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार है। ऐसे में आज होने वाली बैठक का परिणाम काफी अहम हो जाता है। इस बीच बाबा लक्खा सिंह ने किसानों और सरकार के बीच मध्यस्थता की पेशकश करते हुए कहा है कि नया प्रस्ताव लाएंगे।
किसान नेताओं और सरकार के बीच आज आठवें दौर की वार्ता भी विफल रही। इस बैठक का भी कोई नतीजा नहीं निकला। अब इनकी अगली बैठक 15 जनवरी को होगी। यह बैठक इस लिहाज से भी अहम हो जाती है कि 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में किसानों के आंदोलन को लेकर दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। ऐसे में इस सुनवाई के बाद जो बैठक होगी उसमें सुप्रीम के फैसले से काफी असर पड़ने की उम्मीद है।
एक ओर जहां विज्ञान भवन के अंदर किसान नेताओं और सरकार की बैठक चल रही है, वहीं विज्ञान भवन के बाहर लोगों को लंगर खिलाया जा रहा है।
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