केंद्र सरकार से होने वाली बातचीत के बीच यूपी गेट पर आज किसानों की महापंचायत होगी। इसमें भाग लेने के लिए कई राज्यों के किसान पहुंच गए हैं। दिन में 12 बजे केंद्र सरकार से किसानों की वार्ता होगी। महापंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत भी आ रहे हैं। उनके साथ बड़ी संख्या में किसान होंगे।
आरोप है कि किसानों को महापंचायत में आने से रोका जा रहा है। वहीं, महापंचायत के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन ने भी यूपी गेट को छावनी में तब्दील करने की तैयारी की है। अगर वार्ता बेनतीजा रही तो महापंचायत में आरपार की लड़ाई का एलान कर यूपी गेट को किसान जाम कर दिल्ली का रास्ता रोक देंगे। संसद भवन पर प्रदर्शन के लिए दिल्ली कूच कर सकते हैं।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार को सरकार से वार्ता करने से ठीक पहले महापंचायत करने का एलान किया था। वार्ता में कोई हल न निकलने की सूचना पाने के बाद से किसान काफी गुस्से में हैं। बुधवार को किसानों ने कहा कि उन्हें इस वार्ता में मांगें मान लेने की उम्मीद नहीं है। लिहाजा, उन्होंने बृहस्पतिवार को यूपी गेट पर यातायात पूरी तरह से ठप करने का मन बना लिया है। फिलहाल महापंचायत का समय निर्धारित नहीं किया गया है।
राकेश टिकैत ने बताया कि बृहस्पतिवार 12 बजे सरकार से वार्ता शुरू होगी। इसमें कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला तो गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले रास्ते को किसान बंद कर देंगे। फिलहाल गांधीगीरी के सिद्धांत पर किसान आंदोलन शांतिपूर्वक कर रहे हैं। इसके बाद आंदोलन उग्र रूप धारण कर सकता है। वार्ता से लौटने के बाद महापंचायत में आंदोलन की अगली रणनीति का एलान होगा। दोपहर में टिकैत सिंधु बॉर्डर पर आयोजित पंचायत में भाग लेने के लिए यूपी गेट से निकले। चर्चा यह भी है कि खेल की दुनिया के सेलिब्रिटीज भी महापंचायत में शिरकत करेंगे।
यूपी बार्डर पर बुधवार को भी विभिन्न राज्यों व जिलों से किसानों का यहां पहुंचना जारी रहा। किसानों ने विरोध जताते हुए बॉर्डर पर लगे बैरिकेडिंग से अपने पशुओं को बांध दिया। इस दौरान किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच नोकझोंक भी हुई। किसानों ने सरकार को जागरूक करने के लिए यज्ञ भी किया। विरोध का अनोखा तरीका अपनाते हुए भाकियू के सहारनपुर जिला अध्यक्ष मनजीत सिंह खुद को बेड़ियों में जकड़ कर धरनास्थल पर पहुंचे। मोदीनगर से भैंसा-बुग्गी से किसान आए। उत्तराखंड, हरियाणा से भी किसान पहुंचे हैं।
किसानों ने आरोप लगाया कि महापंचायत को देखते हुए कई गांवों से आने वाले किसानों को पुलिस वहीं रोक रही है। किसान नेताओं को उनके घर में नजरबंद किया जा रहा है। पीलीभीत से आए मनप्रीत सिंह और बलजेंदर सिंह ने बताया कि वह पुलिस से छिपकर यहां पहुंचे हैं। हरदोई के परगट सिंह ने बताया कि उनके क्षेत्र में कई किसानों को पुलिस ने रोक दिया है।
भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि बुधवार को सिंधु बॉर्डर पर राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह और उन्होंने खुद दूसरे किसान संगठनों से शाम चार बजे मुलाकात की। बैठक में सभी वरिष्ठ किसानों ने तय किया कि सरकार से बृहस्पतिवार को वार्ता के लिए सभी एक साथ जाएंगे। इस बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाने और कृषि कानून को रद्द करने की बात रखी जाएगी। मीडिया प्रभारी का कहना है कि सरकार ने मंगलवार को भाकियू से तमाम मुद्दों पर लिखित आपत्ति और सुझाव मांगे थे। इस मीटिंग के बाद देश में जुड़े सभी किसान संगठनों से एक साथ सरकार से वार्ता करने और दो मुद्दों पर अपनी बात रखने की रणनीति तय की गई।