रूस-यूक्रेन के बीच आज दसवें दिन भी जंग जारी है. इस बीच यूक्रेन मे फंसे भारतीय लोगों को ऑपरेशन गंगा के तहत स्वदेश लाने का काम भी तेजी से हो रहा है. यूक्रेन से भारत लौटने वाले मेडिकल छात्रों को अपनी पढ़ाई पूरी करने की चिंता सता रही थी. उन स्टूडेंट्स को भारत सरकार ने बड़ी राहत देने का निर्णय लिया है. नेशनल मेडिकल कमीशन इस संबंध में फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंसिंग एक्ट में बड़ा बदलाव करने जा रही है. ताकि यूक्रेन से लौटे छात्र- छात्राओं की पढ़ाई बाधित ना हो.
बता दें कि अभी तक दूसरे देश के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को कोर्स की पूरी अवधि के अलावा ट्रेनिंग और इंटर्नशिप भारत से बाहर ही करनी पड़ती है. ऐसे में यूक्रेन संकट के बाद भारत लौट रहे मेडिकल के छात्रों और इससे पहले चीन से मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर लौटे छात्रों के भविष्य को देखते हुए भारत सरकार ने अपने नियमों में कुछ बदलाव किए हैं.
नेशनल मेडिकल कमीशन के मुताबिक, अब विदेश में पढ़ रहे मेडिकल स्टूडेंट्स भारत आकर अपनी इंटर्नशिप पूरी कर सकते हैं. इससे पहले विदेश में पढ़ रहे मेडिकल छात्रों को एकेडमिक सेशन के बीच में भारतीय मेडिकल कॉलेजों या संस्थानो में कोर्स पूरा करने की अनुमति नहीं थी.
छात्रों के भविष्य को देखते हुए नेशनल मेडिकल कमीशन ने एक सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर में कहा गया है कि कई ऐसे विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट हैं जिनकी ऐसी मजबूर स्थिति के चलते इंटर्नशिप अधूरी है. जैसे कि कोविड-19 महामारी और युद्ध जैसी आपदा जो किसी के भी नियंत्रण से बाहर है. ऐसी स्थिति में छात्रों के भविष्य और उनकी चिंता को ध्यान में रखते हुए, छात्र अपनी बची हुई इंटर्नशिप भारत से पूरी कर सकते हैं. लेकिन शर्त है कि भारत में इंटर्नशिप पूरा करने के लिए आवेदन करने से पहले एफएमजीई (FMGE) क्लियर करना होगा.