चीन के इशारे पर भारत विरोधी गतिविधियों और बयानों के लंबे दौर के बाद आज नेपाल से होने वाली बातचीत में भारत बेहद कड़ा रुख अपनाएगा। नेपाल में भारत के राजदूत विजय मोहन क्वात्रा और नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी के बीच वार्ता का एजेंडा द्विपक्षीय आर्थिक और विकास परियोजनाएं है। मगर इस दौरान नेपाल की ओर से जारी विवादास्पद नक्शे, सीमा पर दो बार की गई फायरिंग और बाढ़ नियंत्रण में असहयोग के मुद्दे छाए रहेंगे।
चीन की शह पर लगातार भारत विरोधी बयानबाजी कर रहे नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को उम्मीद थी कि इससे नई दिल्ली दबाव में आ जाएगा लेकिन इसके उलट भारत ने ओली के बयानों को रत्ती भर तवज्जो न देने की रणनीति अपनाई।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, विवादित नक्शा, सीमा पर तनाव और विवादित टिप्पणियों के बाद अपने घर में ही घिरे ओली ने बीच का रास्ता निकालने की लगातार कोशिशें की। भारत को बातचीत की पटरी पर लाने के लिए ओली की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं के साथ भाजपा नेताओं से संपर्क साधा गया। बात नहीं बनने पर स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाओं के बहाने ओली ने पीएम मोदी से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की इच्छा जाहिर की
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