केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति से ‘चीनी’ को विदेशी भाषा की सूची से हटा लिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में माध्यमिक स्कूल स्तर पर छात्रों को दी जाने वाली विदेशी भाषाओं की सूची में चीनी भाषा को सूची से बाहर कर दिया है। इसपर भारत में स्थित चीनी दूतावास ने मंगलवार को उम्मीद जताई की भारत कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट और चीन-भारत उच्च शिक्षा सहयोग के उद्देश्य पर निष्पक्ष तरीके से व्यवहार करेगा और इसका राजनीतिकरण करने से बचेगा।
चीनी दूतावास ने कहा कि चीन और भारत के बीच तेजी से घनिष्ठ आर्थिक, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के साथ, भारत में चीनी भाषा शिक्षण की मांग बढ़ रही है। कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट परियोजना पर चीन-भारत सहयोग 10 सालों से अधिक समय से चला आ रहा है।
दूतावास ने कहा, इन सालों में, ‘कन्फ्यूशियस संस्थानों ने भारत में चीनी भाषा शिक्षण को बढ़ावा देने और चीन-भारत के लोगों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसे भारतीय शिक्षा समुदाय द्वारा मान्यता मिली हुई है।’
दूतावास ने इस विषय का राजनीतिकरण न करने को कहा। दूतावास ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि भारतीय संबंधित पक्ष कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट्स और चीन-भारत उच्च शिक्षा सहयोग के उद्देश्य के साथ निष्पक्ष तरीके से व्यवहार करेगा। इसके राजनीतिकरण करने से बचेगा और चीन-भारत के लोगों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान के स्वस्थ और स्थिर विकास को बनाए रखेगा।’
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