भारत वैक्सीनेशन में 100 करोड़ डोज लगाने के पंहुचा करीब – अब तक लोगो को 98.63 करोड़ से अधिक लगाईं गई वैक्सीन

आने वाले कुछ दिनों में भारत वैक्सीनेशन (Vaccination in India) के मामले में एक मील का पत्थर हासिल कर लेगा. दरअसल, भारत में लोगों को वैक्सीन की 100 करोड़ डोज या कहें एक अरब डोज लगा दी जाएंगी. चीन के अलावा दुनिया के किसी भी देश की तुलना में भारत पहले ही वैक्सीन की अधिक डोज लोगों को लगा चुका है. भारत में शुरुआत में वैक्सीन की सप्लाई में बाधा भी आई, ऐसे में 100 करोड़ डोज का लक्ष्य हासिल करना एक बड़ी उपलब्धि है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि इस दौरान तीन महीनों तक भारत ने कोरोना की घातक दूसरी लहर का भी सामना किया.

100 करोड़ डोज का टारगेट 275 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा. इसका मतलब है कि 10 महीने की अवधि में हर दिन भारत में 27 लाख डोज लोगों को लगाई गई. हर दिन लगाई जाने वाली वैक्सीन डोज की संख्या में बदलाव भी देखने को मिला. छह दिनों तक एक करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगाई गई. वहीं, 17 सितंबर को 2.18 करोड़ वैक्सीन डोज के साथ एक रिकॉर्ड बनाया गया. वहीं, दूसरी वैक्सीनेशन के शुरुआती महीने जनवरी और फरवरी में कुछ दिन महज 50,000 वैक्सीन डोज ही लोगों को लगाई गई. भारत में वैक्सीन की पहली डोज 16 जनवरी को लगाई गई थी.

19 अक्टूबर की सुबह तक 98.63 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लोगों को लगाई गई है. करीब 70 करोड़ लोगों ने वैक्सीन लगवाई है. वहीं, 28.64 करोड़ से अधिक लोग फुली वैक्सीनेटेड हैं. इसका मतलब है कि भारत की 74 फीसदी या कहें तीन चौथाई व्यस्क आबादी को कम से कम वैक्सीन की एक डोज लगा दी गई है, जबकि 30 फीसदी आबादी को दोनों डोज लग चुकी है. भारत में जारी वैक्सीनेशन के दौरान कुछ आंकड़ें भी सामने आए हैं, जिनके जरिए भारत की दुनिया से वैक्सीनेशन में तुलना की गई है. किन जिलों में सबसे कम वैक्सीनेशन हुआ है.

वैक्सीनेशन में दुनिया के मुकाबले क्या है भारत की स्थिति?
वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले लोगों को फुली वैक्सीनेटेड माना जाता है. ऐसे में फुली वैक्सीनेटेड आबादी के लिहाज से देखें तो चीन सबसे आगे हैं. यहां पर 71 फीसदी व्यस्क आबादी को दोनों डोज लगी है, जबकि फ्रांस में ये 67 फीसदी, ब्रिटेन में 66 फीसदी, जर्मनी में 66 फीसदी और अमेरिका में 56 फीसदी लोगों को दोनों डोज लगी है. इस तरह फुली वैक्सीनेटेड लोगों की आबादी के मामले में ये देश टॉप 5 में शामिल हैं. वहीं, भारत छठें स्थान पर हैं और यहां 30 फीसदी आबादी फुली वैक्सीनेटेड है.

किन शहरों और जिलों में ज्यादा और कम हुआ वैक्सीनेशन?
देश की 135 करोड़ की आबादी के हिसाब से वैक्सीनेशन का आकलन करने पर चौंकाने वाले नतीजें सामने आते हैं. इसमें यूपी की स्थिति सबसे खराब है, जहां अधिकतर जिलों में 15 फीसदी से ज्यादा आबादी फुली वैक्सीनेटेड नहीं हो पाई है. सबसे कम वैक्सीनेशन वाले 100 जिलों में यूपी-बिहार के 47 जिले शामिल हैं. हालांकि, वैक्सीनेशन के मामले सबसे अच्छी रफ्तार वाले जिलों में यूपी का नोएडा शामिल है. गुरुग्राम (हरियाणा), किन्नौर (हिमाचल प्रदेश), कोलकाला (पश्चिम बंगाल), बेंगलुरू (कर्नाटक) और बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में सबसे अधिक वैक्सीनेशन हुआ है. वहीं, फिरोजपुर (पंजाब), रायबरेली (यूपी), संभल (यूपी), बदायूं (यूपी) और मुरादाबाद (यूपी) में सबसे कम वैक्सीनेशन हुआ है.

आबादी के हिसाब से क्या है राज्यों का हाल?
आबादी के हिसाब से वैक्सीन के आवंटन में अगर महाराष्ट्र को छोड़ दिया जाए, तो बड़े राज्यों की स्थिति काफी खराब है. सबसे बुरी स्थिति यूपी की है, जहां देश की 17.4 फीसदी रहती है, मगर वहां कुल वैक्सीन डोज में से 11.9 फीसदी ही लोगों को लगाया गया है. पश्चिम बंगाल, बिहार और तमिलनाडु का भी यही हाल है. वहीं, गुजरात, कर्नाटक, केरल और मध्यप्रदेश का प्रदर्शन सबसे बेहतर है. दूसरी ओर, जिन राज्यों का क्षेत्रफल कम है, उनका वैक्सीनेशन में प्रदर्शन बहुत अच्छ रहा है. इसमें सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप शामिल हैं.

Ekta Singh

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