पैंगोंग त्सो पर भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के संयुक्त प्रयास से सामान्य हो रही स्थिति के प्रभाव ने जाहिर तौर पर नाकु ला पर भी तनाव को कम किया है। यहां मई 2020 के बाद से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। कंचनजंगा चोटी के दक्षिण-पश्चिम में स्थित उत्तर सिक्किम में 14,000 फुट से अधिक ऊंचे दर्रे पर 9 मई, 2020 को दोनों सेनाओं के बीच जमकर गोलीबारी हुई और 20 जनवरी, 2021 तक दोनों पक्षों के सैनिकों को चोटें भी आईं।
नरेन्द्र मोदी सरकार नकु ला को लेकर फिलहाल कुछ भी बोलने से इनकार कर रही है। लेकिन, सेना के शीर्ष सैन्य कमांडरों और राजनयिकों से बात करने के बाद हिंदुस्तान टाइम्स यह पता लगा पाने में सक्षम हुआ है कि पैंगोंग त्सो विघटन की तरह, नकु ला पर तनावों को कम करने के लिए बीजिंग में उच्चतम स्तर पर भरोसा और संबंधों को सामान्य बनाने के लिए नए सिरे से प्रयास किया गए हैं। यहां भी पेट्रोलिंग कम कर दी गई है। आपको बता दें कि पीएलए के मामले में निर्णय लेने का अधिकार राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व वाले केंद्रीय सैन्य आयोग के पास है, जो कि चीन के रक्षा बलों के कमांडर-इन-चीफ भी हैं।
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