जवानों ने 16 हजार फीट पर मनाया आजादी का जश्न, पैंगोंग झील के किनारे फहराया तिरंगा

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कोरोना संकट की वजह से देशभर में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों का रंग फीका नजर आ रहा है, लेकिन लोग सावधानी बरतते हुए जश्न में शरीक हो रहे हैं। वहीं, आईटीबीपी के जवानों ने लद्दाख में तिरंगा फहराया और संकट की इस घड़ी में देश के साथ खड़े हुए। आज देश अपनी आजादी की 74वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराते हुए, देश को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। देशभर में आजादी का जश्न मनाया जा रहा है। वहीं, लद्दाख में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने पैंगोंग त्सो झील के किनारे स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया। 

आईटीबीपी जवानों ने करीब 16000 फीट की ऊंचाई पर तिरंगा झंडा फहराया और देश की जश्न-ए-आजादी में शरीक हुए। उन्होंने पूरे जोश-खरोश के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया और भारत माता की जय के नारे लगाए। 

आईटीबीपी जवानों ने इस दौरान अलग-अलग तरीके से तिरंगे को अपनी सलामी दी। जवान एक पंक्ति में अपने हाथ में तिरंगा पकड़े हुए आगे बढ़ रहे थे।

आईटीबीपी के जवान लद्दाख में ही 16000 हजार फीट की ऊंचाई पर पैंगोंग त्सो झील के किनारे स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाते नजर आए। जवानों ने तिरंगे को अपनी सलामी दी। उन्होंने झील के किनारे खड़े होकर भारत माता की जय के नारे लगाए। 
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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पंजाब के अमृतसर शहर में स्थित अटारी-वाघा सीमा पर तिरंगा फहराया गया। आईटीबीपी प्रमुख एसएस देसवाल ने इस पावन अवसर पर सीमा पर तिरंगा फहराया।

 आजादी के इस पावन मौके पर देसवाल ने कहा, भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने के लिए पूरी ताकत के साथ एक शांतिप्रिय राष्ट्र है। सीमाओं पर हमारे सुरक्षा बल पूरी ताकत और बल के साथ सतर्क हैं और हम देश को आश्वस्त करते हैं कि हमारी सीमाएं अच्छी तरह से संरक्षित और सुरक्षित हैं।

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