यूपी में विपक्षी दल बोली भारत जुड़े यात्रा के स्वागत के राजनीतिक मायने ना निकाल जाए..

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rahul
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने भले ही अपने उत्तर प्रदेश चरण के दौरान काफी सुर्खियां बटोरी हो लेकिन अन्य विपक्षी पार्टियों कहना है कि उन नेताओं द्वारा राज्य में यात्रा का स्वागत करने का कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इसे विपक्षी एकता से जोड़ना जल्दबाजी होगी मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं ने अलग-अलग ट्वीट के माध्यम से उत्तर प्रदेश में यात्रा की सफलता की कामना की थी जबकि राष्ट्रीय लोकदल राज में भागीदारी का निमंत्रण मिलने के बाद यात्रा में शामिल हुआ था रालोद कार्यकर्ताओं ने पार्टी का गढ़ माने जाने वाले क्षेत्र से गुजर रही यात्रा में हिस्सा लिया था हालांकि पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी विदेश में होने के कारण इस में शिरकत नहीं कर सके थे

आम चुनाव में मायावती के साथ गठबंधन किया
दरअसल वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव के लिए जहां सपा और कांग्रेस एक साथ आए थे वही अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ने 2019 के आम चुनाव में मायावती के साथ गठबंधन किया था 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने रालोद और कुछ क्षेत्रीय दलों के साथ हाथ मिलाया जबकि सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में भाजपा और कांग्रेस तक के दम पर चुनाव लड़ा था अगला आम चुनाव दूर नहीं है इसलिए उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता की संभावनाओं के बारे में बातचीत शुरू हो गई है उत्तर प्रदेश में लोकसभा में 80 सांसद भेजता है

फिलहाल कांग्रेस की कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली जा रही भारत जात्रा पिछले सप्ताह 3 दिनों के लिए उत्तर प्रदेश में थी यात्रा ने 3 जनवरी को गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर से उत्तर प्रदेश में प्रवेश किया था और 5 जनवरी को शामली के कैराना से होते हुए हरियाणा के पानीपत रवाना हुई थी