सऊदी अरब में भारतीय शख्स को घर के दरवाजे पर स्वास्तिक चिन्ह लगाना पड़ा महंगा, पुलिस ने किया गिरफ्तार..

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स्वास्तिक चिन्ह हिंदु धर्म में काफी शुभ माना जाता है. नए वाहनों और घरों पर स्वास्तिक चिन्ह अंकित करना बहुत आम है. लेकिन सऊदी अरब में एक भारतीय को अपने घर के दरवाजे पर इस चिन्ह को बानाना भारी पड़ गया. यहां एक तेलुगु परिवार अपने फ्लैट के दरवाजे पर स्वास्तिक चिन्ह लगाने से मुश्किल में पड़ गया. गुंटूर के 45 वर्षीय व्यक्ति को अपने फ्लैट के दरवाजे पर स्वास्तिक चिन्ह लगाने के लिए सऊदी में जेल भेज दिया गया.

स्थानीय अरब द्वारा पुलिस शिकायत दर्ज की गई

दरअसल केमिकल इंजीनियर के खिलाफ एक स्थानीय अरब द्वारा पुलिस शिकायत दर्ज की गई थी. दरअसल स्वास्तिक चिन्ह को स्थानीय अरब ने इसे नाजी प्रतीक के रूप में गलत समझ लिया था. सूत्रों के मुताबिक सऊदी के शख्स ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसे गुंटूर के शख्स से जान का खतरा है. जब तेलुगु परिवार ने अपने फ्लैट के दरवाजे पर स्वास्तिक चिन्ह लगाया तो पड़ोसियों का ध्यान इस चिन्ह पर पड़ा. तेलुगू परिवार सऊदी पड़ोसियों को यह समझाने में नाकामयाब रहा कि प्रतीक असल में क्या दर्शाता है. इसके बाद पड़ोसियों ने पुलिस में शिकायत की. शिकायत के बाद पुलिस ने केमिकल इंजीनियर को गिरफ्तार कर लिया और जेल में डाल दिया.

NRI कार्यकर्ता और APNRTS के समन्वयक मुज़म्मिल शेख ने कहा कि गुंटूर के व्यक्ति तक पहुंचने के लिए उन्होंने शुक्रवार को रियाद से खोबार तक लगभग 400 किलोमीटर की यात्रा की. उन्होंने कहा कि ‘सांस्कृतिक गलतफहमी केवल गिरफ्तारी का कारण बनी है. हमने अधिकारियों को इसके बारे में बताया कि भारत में इस प्रतीक को किस तरह से पूजा जाता है और इसे घरों, कार्यालयों आदि पर कैसे अंकित किया जाता है. उन्हें सोमवार को जेल से रिहा किया जाएगा, क्योंकि यहां शनिवार और रविवार को छुट्टी रहती है.’ मुज़म्मिल शेख ने आगे कहा कि ‘सऊदी में भारतीय समुदाय के लिए काम करने वाले केरल के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता नास शौकत अली (नास वक्कोम के नाम से जाने जाते हैं) भी गुंटूर के शख्स की रिहाई में मदद कर रहे हैं.’

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