कोरोना मरीजों में प्लाज्मा थेरेपी कितनी असरदार है, इसका पता जल्द चल जाएगा। पिछले 4 महीने से चल रहा परीक्षण अब पूरा हो चुका है। आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि 39 अस्पतालों में हुए परीक्षण में शामिल 450 मरीजों को दो समूहों में बांटा गया था। एक समूह के 225 मरीजों को प्लाजमा थेरेपी तो दूसरे समूह को दूसरे तरीके से उपचार दिया गया है।
आईसीएमआर के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि परीक्षण के शुरुआती नतीजे संतोषजनक नहीं रहे हैं। हालांकि, कुछ गंभीर मामलों में इसका असर देखने को मिला है। परीक्षण की समीक्षा रिपोर्ट तैयार होने के बाद तस्वीर साफ होगी।
दूसरे सीरो सर्वे में ज्यादा मिली एंटीबॉडी देश में दूसरे सीरो सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका है। डॉ. भार्गव के अनुसार, माह के अंत तक रिपोर्ट जारी हो सकती है। आईसीएमआर के ही सूत्रों का कहना है कि देश के घनी आबादी वाले 70 में से 50 जिलों में यह सर्वे पूरा हो चुका है। पिछली बार एक फ़ीसदी भी से भी कम अवधि में एंटीबॉडीज मिली थी, जिसमें इस बार काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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