हिमाचल प्रदेश के उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए जारी 44 लाख रुपये खर्च करने की अवधि बढ़ाने के लिए निदेशालय ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। सत्र खत्म होने के चलते स्कूल प्रबंधनों को बजट खर्च करने के लिए कम दिनों का डर सता रहा है। 17 फरवरी को जारी किया गया 44 लाख का बजट स्कूल प्रबंधनों को सिर्फ 29 दिनों में खर्च करना है। अगर स्कूल प्रबंधन 27 मार्च तक इसे खर्च नहीं करते हैं तो बजट सत्र पूरा होने के चलते पैसा वापस हो जाएगा। हालांकि, सभी स्कूल अपनी ओर से बजट को खर्च करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं, जिससे एक उत्कृष्ट विद्यालय में जो सुविधाएं होनी चाहिए, वे विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाई जा सकें।
गौर हो कि स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट विद्यालय योजना का उद्देश्य राज्य के स्कूलों की शिक्षा में सुधार लाकर विद्यार्थियों को पढ़ने की नई दिशा देना है। बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना, उनकी शिक्षा पर वित्तीय सहायता देकर उनके भविष्य को बनाना ही योजना का मकसद है। उच्च शिक्षा उपनिदेशक पुरुषोत्तम चंद राणा ने कहा कि उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए चयनित स्कूलों ने बजट खर्च करने के लिए समय कम देने की समस्या बताई है। इसके बारे में निदेशालय को लिखा गया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी मंत्री मंडल से विचार-विमर्श कर रहे हैं।
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