उत्तर प्रदेश के जिलों में दुर्गापूजा व रामायण पाठ के लिए एक लाख रुपये देने के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने सरकार के आदेश को उचित ठहराते हुए कहा कि याची ने इसको गलत तरह से पढ़ा और समझा है। यह आदेश राज्य की ओर से किसी भी धर्म या धार्मिक गतिविधि को बढ़ाने वाला नहीं है। ऐसे में याचिका दखल देने योग्य नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने दिया।
दरअसल कोर्ट इस मामले में स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव की तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याची ने राज्य सरकार की तरफ से बीते 10 मार्च को जारी आदेश को चुनौती देते हुए कोर्ट से इसे निरस्त करने का आग्रह किया था। उसका कहना था कि राज्य सरकार, कानूनन ऐसे किसी धार्मिक आयोजन के लिए सरकारी कोष से पैसा उपलब्ध नहीं करवा सकती है।
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