हाथरस कांड: पीड़िता की मां बोलीं- सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में चले जांच

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    उत्तर प्रदेश स्थित हाथरस में मीडिया पर लगी रोक को हटा लिया गया है. इस बाबत जॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने जानकारी दी. बता दें प्रशासन ने हाथरस में कथित रेप पीड़िता के गांव में मीडिया के जाने पर रोक लगा रखी थी. इससे पहले प्रशासन का तर्क था कि अगर मीडिया को अनुमति दी जाएगी तो स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की जांच में बाधा पहुंच सकती है. जॉइंट मजिस्ट्रेट मीणा ने बताया कि ‘मीडियाकर्मियों को गांव में जाने की अनुमति दे दी गई है.’ उन्होंने कहा कि ‘गांव में एसआईटी की जांच पूरी हो चुकी है. ऐसे में मीडिया पर प्रतिबंध हटा दिया गया है. 5 से अधिक मीडियाकर्मियों को अब इकट्ठा होने की अनुमति है.

    पीड़िता के गांव में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मंडलों की आमदरफ्त पर जॉइंट मजिस्ट्रेट ने कहा कि ‘अभी केवल मीडिया को अनुमति है. जब प्रतिनिधिमंडल को अनुमति देने के आदेश आएंगे, तो हम सभी को बताएंगे.’ उन्होंने कहा कि ‘परिवार के सदस्यों के फोन छीनने या उन्हें घरों में कैद करने के बारे में सभी आरोप बिल्कुल निराधार हैं.

    राज्य सरकार द्वारा नार्को टेस्ट कराए जाने के आदेश पर पीड़िता के परिजनों ने कहा कि डीएम और एसपी को नार्को टेस्ट कराना चाहिए, क्योंकि वे झूठ बोल रहे हैं. पीड़िता की भाभी ने कहा कि ‘हमारे परिवार से किसी भी राजनीतिक नेता ने फोन पर बात नहीं की. उन्होंने कहा, ‘राजनेता सिर्फ राजनीति करना चाहते हैं, मुझे नहीं लगता कि वे किसी नेक इरादे के लिए यहां आ रहे हैं.’
    इसके साथ ही पीड़िता की मां ने कहा कि यूपी प्रशासन ने मुझे अपनी बेटी का शव नहीं दिया. पीड़िता की मां ने कहा, ‘मैं भीख मांगती रही. हम सीबीआई जांच नहीं चाहते.’ उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में मामला चले.