वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक खत्म हो चुकी है. बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की अटकलों पर विराम लगा दिया. उन्होंने कहा, “पेट्रोल और डीजल को अभी जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करने का यह सही समय नहीं है. रेवेन्यू से जुड़े कई मुद्दों पर इसके लिए विचार करना होगा. बैठक के दौरान इन पर चर्चा नहीं हुई.”
वित्त मंत्री ने कहा, ”क्या पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, इस मुद्दे पर कोर्ट के निर्देश के चलते चर्चा हुई. कई सदस्यों ने साफ तौर पर कहा कि वे नहीं चाहेंगे कि इसे जीएसटी के दायरे में लाया जाए.”
वित्त मंत्री ने यह भी ऐलान किया कि कोरोना के इलाज से जुड़ी जिन दवाओं पर जीसएटी दर 30 सितंबर तक के लिए घटाई गई थी, उसे बढ़ाकर अब 31 दिसंबर कर दिया गया है. जीएसटी दर में यह कटौती सिर्फ रेमिडेसिवियर जैसी दवाओं के लिए है. इसमें मेडिकल उपकरण शामिल नही्ं है.
वित्त मंत्री ने कहा कि एयरक्राफ्ट और अन्य वस्तुओं लीज पर इंपोर्ट किए जाने को लेकर भी कुछ फैसले किए गए हैं, ताकि डबल टैक्सेशन की समस्या से राहत दी जा सके. वित्त मंत्री ने ऐलान किया Zologensma और Viltetso जैसी महंगी इंपोर्टेड दवाओं पर जीसएटी छूट दी जाएगी. इन जीवन रक्षक दवाओं को कोरोना महामारी के इलाज में इस्तेमाल नहीं होता है.
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