अगर आपकी हाउसिंग सोसाइटी, होटल-रेस्टोरेंट, कंपनी या फिर मॉल से रोज़ाना 100 किलो या उससे ज़्यादा कूड़ा निकलता है तो सावधान हो जाएं. उस कूड़े को फेंकना आपको भारी पड़ सकता है. आपके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है. ग्रेटर नोएडा प्रधिकरण ने ऐसे कूड़े को न फेंकने का फरमान जारी किया है. इसके लिए अपनी सोसाइटी या फिर कमर्शियल संस्थान में कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट लगवाना होगा.
प्रधिकरण के अफसरों की मानें तो 4 फरवरी की बैठक में ऐसे लोग शामिल हुए थे, जिनकी हाउसिंग सोसाइटी, होटल-रेस्टोरेंट, मैरिज होम, कंपनी या फिर मॉल से 100 किलो या उससे भी ज़्यादा कूड़ा रोज़ाना निकलता है. इस बैठक में प्रधिकरण ने साफ किया है कि इमारतों को अपने कूड़े का खुद निस्तारण करना होगा. इसके लिए कूड़ा निस्तारण संयंत्र स्थापित करने होंगे.
अगर ऐसी जगहों से कूड़ा पब्लिक प्लेस या शहर में फेंका गया तो जुर्माना लगाने के साथ-साथ कार्रवाई भी की जाएगी. खास बात यह है कि अगर आपकी हाउसिंग सोसाइटी, होटल-रेस्टोरेंट, मैरिज होम, कंपनी या फिर मॉल से 100 किलो या उससे भी ज़्यादा कूड़ा रोज़ाना नहीं निकलता है, लेकिन आपकी सोसाइटी या आपका संस्थान 5 हज़ार वर्गमीटर से ज़्यादा में बना हुआ है तो भी यह नियम आप पर लागू होगा.
प्रधिकरण के अनुसार, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर को स्वच्छ बनाने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट अधिनियम-2016 के प्रावधानों को लागू किया जा रहा है. बैठक में प्रधिकरण के विशेष कार्याधिकारी शिव प्रताप शुक्ला, वरिष्ठ प्रबंधक रमेश चन्द्र, उप महाप्रबंधक केआर वर्मा ने ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन की व्यवस्था को और बेहतर तरीके से करने के लिए जागरुक किया. गीले और सूखे कूड़े को कैसे अलग-अलग रखा जाए यह भी बताया.
साथ ही यह भी कहा कि अधिक कूड़ा निकालने वाले प्रतिष्ठानों पर प्राधिकरण की टीमें अभियान चलाकर निरीक्षण करेंगी. इस मौके पर वो लोग मौजूद थे जिनके यहां से बड़ी मात्रा में कूड़ा रोज़ाना निकलता है. जिसमे अंसल प्लाजा, क्राउन प्लाजा, संघवी पैलेस, कृष्णा लाइफ लाइन हॉस्पिटल, सहदेवा हॉस्पिटल, ग्रीन सिटी हॉस्पिटल, आस्था हॉस्पिटल, प्रकाश हॉस्पिटल, गेलेक्सी हॉस्पिटल, रोशन हॉस्पिटल, आइवरी हॉस्पिटल, जेआर. हॉस्पिटल, कैलाश हॉस्पिटल, संजीवनी हॉस्पिटल आदि के प्रतिनिधि शामिल थे.