अफ्रीका: बुर्किना फासो में आतंकवादियों का हमला, 41 लोगो के मरे जाने की खबर

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burkina faso attack
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अफ्रीकी देश बुर्किना फासो में घात लगाकर किए गए हमले में 41 लोगों की मौत हो गई है. इस्लामिक चरमपंथियों ने पिछले हफ्ते इस हमले को अंजाम दिया था, जिसकी जानकारी अब सामने आई है. मरने वालों में देश की सेना की मदद करने वाले एक स्वयंसेवी संगठन के प्रमुख नेता भी शामिल हैं. सरकार ने यह जानकारी दी है. सरकार के प्रवक्ता अल्कासौम माईगा (Alkassoum Maiga) ने बृहस्पतिवार को लोरौम प्रांत में एक काफिले पर घात लगाकर किए गए भीषण हमले के बाद दो दिनों के शोक की घोषणा की है.

पीड़ितों में सोउमैला गनम भी शामिल थे, जिन्हें लाडजी योरो के नाम से भी जाना जाता है. बुर्किना फासो के राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिस्चियन काबोरे ने कहा कि गनम अपने देश के लिए शहीद हो गए और ‘वह निश्चित तौर पर दुश्मन से लड़ने के लिए हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता के प्रतीक होंगे.’ आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट लोकेशन एंड इवेंट डेटा प्रोजेक्ट के एक वरिष्ठ शोधकर्ता हेनी नसाइबिया ने कहा, बुर्किना फासो के सबसे महत्वपूर्ण स्वयंसेवी संगठन के नेता की मौत ने दहशत की भावना पैदा कर दी है.

अलकायदा और आईएस के हमले बढ़े

कभी शांतिपूर्ण पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र रहे बुर्किना फासो में हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं क्योंकि अलकायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े हमलों में वृद्धि हुई है. इससे करीब एक महीने हुए एक हमले में 53 लोग मारे गए थे. यह बुर्किना के सुरक्षा बलों पर कई साल में हुआ सबसे घातक हमला था (Islamist Insurgency in Africa). सरकार के प्रवक्ताअल्कासौम माईगा ने एक बयान में कहा, ‘इस दर्दनाक परिस्थिति में और मातृभूमि की रक्षा में शहीद हुए बहादुर वीडीपी और नागरिकों को श्रद्धांजलि के लिए बुर्किना फासो के राष्ट्रपति ने रविवार से 48 घंटे के राष्ट्रीय शोक का आदेश दिया है.’

आतंक को रोक पाने में सरकार नाकाम

चार साल से जारी इस्लामिक चरमपंथियों के आतंक को रोक पाने में नाकाम रही सरकार को बीते कुछ महीनों से इन घातक हमलों का सामना करना पड़ रहा है. चरमपंथियों के हमलों में सालेह क्षेत्र (Saleh Region) के हजारों लोगों की मौत हुई है और करीब दस लाख लोगों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा है. अल कायदा और इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े आतंकवादियों ने क्षेत्र की सेनाओं को भारी नुकसान पहुंचाया है, बुर्किना फासो, नाइजर और माली जैसे देशों में लगभग हर हफ्ते हमलों में सैनिकों की मौत हो रही हैं.