सूडान में सेना ने किया तख़्तापलट – पीएम समेत कई नेता गिरफ़्तार, अमेरिका ने रोकी आर्थिक सहायता

184

सूडान में सैन्य तख्तापलट पर अमेरिका, यूरोपीय संघ, फ्रांस, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात सहित दुनियाभर के देशों ने चिंता जताई है. अमेरिका ने कहा कि सूडान में तख्तापलट के कदम से जुड़े नेता देश के लोकतांत्रिक परिवर्तन के महत्व को कम कर रहे हैं और उन्हें अपने रुख में नरमी लानी चाहिए.

सूडान में अमेरिकी दूतावास ने सोमवार को ट्विटर पर कहा कि सूडान के प्रमुख जनरल द्वारा आपातकाल की स्थिति घोषित करना, वहीं सैन्य और असैन्य नेताओं से जुड़े सत्तारूढ़ निकाय को भंग करना “गंभीर चिंता” का विषय है. दूतावास ने कहा कि सूडान में परिवर्तन को बाधित कर रहे पक्ष अपने रुख में नरमी लायें और असैन्य नेतृत्व वाली परिवर्ती सरकार को क्रांति के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य को जारी रखने दें.

अमेरिकी दूतावास की यह टिप्पणी बड़े पैमाने पर हुए उस विरोध का संदर्भ है, जिसने 2019 में लंबे समय से सत्ता पर काबिज तानाशाह उमर अल-बशीर को पद से हटाने और देश को लोकतांत्रिक चुनावों की ओर ले जाने के लिए एक सत्तारूढ़ परिषद की स्थापना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

हॉर्न ऑफ अफ्रीका ने भी जताई सूडान में तख्तापलट पर चिंता

इससे पहले, ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ के लिए विशेष अमेरिकी दूत जेफरी फेल्टमैन ने सोमवार को कहा कि अमेरिका घटनाक्रम को लेकर “काफी चिंतित” है और सैन्य तख्तापलट से सूडान को मिल रही अमेरिकी सहायता बाधित हो सकती है. ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ में जिबूती, इरिट्रिया, इथियोपिया और सोमालिया शामिल हैं.

यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने सोमवार को ट्वीट किया कि सूडान में सैन्य बलों द्वारा अंतरिम प्रधानमंत्री सहित कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को हिरासत में लेने की खबर ‘‘अत्यधिक चिंतित’’ करने वाली है और वह उत्तर-पूर्व अफ्रीकी राष्ट्र में घटनाओं पर नजर रखे हुए हैं.

UAE ने कहा शांति का मार्ग अपनाए सुडान

संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने कहा है कि सूडान में शांति एवं संयम का मार्ग अपनाया जाना चाहिए. ‘यूएस ब्यूरो ऑफ अफ्रीकन अफेयर्स’ ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘जैसा हमने बार-बार कहा है, परिवर्ती सरकार में बलपूर्वक किसी भी परिवर्तन से अमेरिकी सहायता पर असर पड़ सकता है.’’ फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने भी सूडान के घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने ट्वीट किया, “फ्रांस तख्तापलट की कोशिश की कड़े शब्दों में निंदा करता है.”

वहीं, नॉर्वे शरणार्थी परिषद ने सूडान के शासकों से पूर्वी अफ्रीकी देश में सैन्य कब्जे के बीच नागरिकों की रक्षा करने की अपील की और उन लाखों लोगों की मदद करने के लिए अबाध मानवीय पहुंच का अनुरोध किया, जो वर्षों तक चले युद्ध की वजह से विस्थापित हो गए हैं.