कोरोना की Vaccine बनने के बाद सबसे पहले किसे दिया जाए, इस पर चर्चा कर रही है सरकार- विशेष कार्य अधिकारी राजेश भूषण

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देश के नीति निर्माता सक्रिय रूप से उन लोगों के समूहों की पहचान करने के लिए विचार-विमर्श कर रहे हैं जिन्हें विकसित होने पर कोविड-19 के टीके सबसे पहले लगाए जाएंगे. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. ‘Novel Ideas in Science and Ethics of Vaccines against COVID-19 pandemic’ विषय पर आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में बोलते हुए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में नियुक्त विशेष कार्य अधिकारी राजेश भूषण ने कहा कि टीका प्राथमिकता के आधार पर पहले किन्हें मिलना चाहिए, इस विषय पर सरकार के भीतर और बाहर दोनों जगह चर्चा की जा रही है.

उन्होंने कहा कि एक उभरती हुई आम सहमति है कि अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले कर्मचारी वे लोग हैं जिन्हें सबसे पहले टीके दिए जाने चाहिए. लेकिन हम अभी इस प्रश्न पर विचार कर रहे हैं और अभी हम इस मुद्दे पर कोई अंतिम स्थिति में नहीं पहुंचे हैं कि प्राथमिकता सूची में कौन-कौन होंगे. स्वास्थ्य कर्मियों के बाद कौन आएगा और फिर उनके बाद कौन आएगा.

उन्होंने कहा कि विचार-विमर्श इस बात पर है कि क्या यह समूह बुजुर्ग लोगों का होगा या यह वे लोग होंगे, जिन्हें पहले से ही कई बीमारियां हैं या क्या वे कमजोर सामाजिक-आर्थिक स्थिति वाले लोग होंगे जिनकी लंबे समय तक रही गरीबी और कुपोषण के कारण प्रतिरक्षा क्षमता कमजोर हो गई है. उन्होंने कहा, ‘वर्तमान में भारत सरकार के भीतर नीति निर्माता इन सवालों का हल ढूंढ़ने में लगे हुए हैं.’

नीति आयोग के सदस्य और कोविड-19 राष्ट्रीय कार्यबल के सदस्य वी के पॉल ने कहा कि नीति निर्माता सक्रिय रूप से उन लोगों के समूहों को प्राथमिकता देने के लिए विचार-विमर्श कर रहे हैं जिन्हें विकसित होने के बाद सबसे पहले कोविड-19 टीके लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि वैक्सीन तक पहुंच में बराबरी के सिद्धांत और मानवाधिकारों को सबसे ऊपर रखा जाएगा. उन्होंने कहा, ‘हम अमीरों-गरीबों का भेद नहीं होने देंगे. यह हमें मंजूर नहीं है. इसलिए हम जरूरतमंदों के हिसाब से वैक्सीन पहले पाने वाले समूहों की पहचान कर रहे हैं.’