पाकिस्तान के लिए सबसे जरूरी ‘आतंकवाद’ – मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से जुड़े 6 आतंकियों को किया रिहा

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आतंकवाद को प्रश्रय नहीं देने व आतंकियों पर नकेल कसने के पाकिस्तान सरकार के दावे एक बार फिर झूठे साबित हो गए। लाहौर हाईकोर्ट ने मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिद सईद के छह गुर्गों को आतंकी वित्त पोषण के आरोपों से बरी कर दिया। इन्हें टेरर फंडिंग को लेकर निचली कोर्ट ने दोषी ठहराया था। 

आतंकी सरगना सईद के अगुआई वाला जमात-उद-दावा प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का नया रूप है। लश्कर ने ही 2008 के मुंबई हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे। 

निचली अदालत ने पाया था दोषी 
निचली अदालत ने इन नेताओं को आतंकवाद के वित्तपोषण का दोषी पाया था। वे धन इकट्ठा कर लश्कर-ए-तैयबा को अवैध रूप से धन मुहैया करा रहे थे। अदालत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के माध्यम से जमा किए गए धन से अर्जित संपत्ति को जब्त करने का भी आदेश दिया था।

अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार को मुख्य न्यायाधीश मुहम्मद अमीर भट्टी और न्यायमूर्ति तारिक सलीम शेख की खंडपीठ ने जेयूडी के छह नेताओं के खिलाफ सीटीडी की प्राथमिकी मामले में निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया, क्योंकि अभियोजन पक्ष संदेह से परे प्रतिवादियों के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा।