MOTN सर्वे में PM मोदी को मिले 66 फीसदी वोट, नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बरकरार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से भले ही चीन के साथ सीमा विवाद और कोरोना को लेकर लगातार हमले किए जा रहे हों, लेकिन आजतक-कर्वी इनसाइट्स की ओर से कराए गए मूड ऑफ द नेशन (MOTN) सर्वे के अनुसार, नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बरकरार है और भारत के अगले प्रधानमंत्री के रूप में अभी भी सबसे लोकप्रिय विकल्प बने हुए हैं.

हाल ही में कराए गए मूड ऑफ द नेशन (MOTN) सर्वे में, 66 फीसदी लोगों का मानना है कि नरेंद्र मोदी को भारत का अगला प्रधानमंत्री होना चाहिए. मोदी के बाद दूसरे स्थान पर राहुल गांधी का नंबर है लेकिन वह भी दहाई के आंकड़े को नहीं छू सके हैं. हालांकि 8 फीसदी वोटों के साथ दूसरी पसंद जरूर हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पीएम पद के लिए तीसरा सबसे पसंदीदा नेता माना गया और उन्हें 5 फीसदी वोट मिले. गृह मंत्री अमित शाह इस लिस्ट में चौथे नंबर पर हैं और उन्हें 4 फीसदी वोट मिला है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अरविंद केजरीवाल भी इस लिस्ट में हैं और दोनों को ही 3-3 फीसदी वोट मिले हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस लिस्ट में हैं और उन्हें 2-2 फीसदी वोट मिले.

केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह के अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव भी उन चंद नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें लोगों ने अगले प्रधानमंत्री के रूप में देखने की बात कही है.

जनवरी 2020 के सर्वेक्षण में, पीएम नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में चुना गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के लिए कराए गए सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के बीच 40 फीसदी का अंतर था. जबकि 53 फीसदी लोगों ने तब नरेंद्र मोदी को अगला प्रधानमंत्री के रूप में चुना था, महज 13 फीसदी लोगों ने ही कहा था कि राहुल गांधी को देश का अगला प्रधानमंत्री होना चाहिए.

हालांकि, जनवरी 2019 में प्रधानमंत्री पद के दावेदार के लिए कराए गए सर्वे में राहुल गांधी को सबसे ज्यादा 52 फीसदी वोट मिले थे.

आजतक के लिए मूड ऑफ द नेशन सर्वे दिल्ली स्थित मार्केट रिसर्च एजेंसी कर्वी इनसाइट्स लिमिटेड ने किया जिसमें 12,021 लोगों से बात की गई. इन 12,021 लोगों में से 67 फीसदी ग्रामीण जबकि शेष 33 फीसदी शहरी लोग थे. सर्वे में 19 राज्यों की कुल 97 लोकसभा और 194 विधानसभा सीटों के लोगों को शामिल किया गया

देश के जिन 19 राज्यों में ये सर्वे किया गया उनमें असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं. ये सर्वे 15 जुलाई से 27 जुलाई के बीच कराए गए. सर्वे में 52 फीसदी पुरुष, 48 फीसदी महिलाएं शामिल थीं.

अगर धर्म के नजरिए से देखा जाए तो सर्वे में 86 फीसदी हिंदू, 9 फीसदी मुस्लिम और 5 फीसदी अन्य धर्मों के लोगों से उनकी राय जानी गई. जिन लोगों पर सर्वे किया गया उनमें 30 फीसदी सवर्ण, 25 फीसदी एससी-एसटी और 44 फीसदी अन्य पिछड़े वर्ग के लोग शामिल थे.

हालांकि अब तक यह सर्वे पारंपरिक रूप से आमने-सामने साक्षात्कार विधि का उपयोग करके किया जाता था, लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से सर्वे में शामिल लोगों से फोन के जरिए उनकी राय जानी गई.