G-7 शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री मोदी नहीं करेंगे शिरकत, बोरिस जॉनसन ने किया था आमंत्रित

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देश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी है। प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा पीएम मोदी को जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रण की हम सराहना करते हैं। लेकिन देश में जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं ऐसी स्थिति में पीएम मोदी इस बैठक में भाग नहीं ले पाएंगे।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (जी-7) देशों के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने अगले महीने ब्रिटेन के दौरे पर नहीं जाएंगे। मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 की ताजा स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। जी-7 देशों की यह बैठक 11 से 13 जून के बीच कोर्नवाल में आयोजित होने वाली है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जी-7 शिखर सम्मेलन में बतौर विशेष अतिथि प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित करने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का आभार जताते हैं, लेकिन कोविड-19 की मौजूदा स्थिति को देखते हुए फैसला हुआ है कि वह इस सम्मेलन में स्वयं उपस्थित नहीं रहेंगे।

बता दें कि ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (जी7) में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन के साथ ही यूरोपीय संघ है। जी-7 समूह की अध्यक्षता कर रहे ब्रिटेन ने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को सम्मेलन में आमंत्रित किया है। हाल के दिनों में प्रधानमंत्री मोदी का यह दूसरा विदेश दौरा रद्द हुआ है।

इससे पहले विदेश मंत्रालय ने मोदी के पुर्तगाल दौरे के रद्द होने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री को भारत-यूरोपीय संघ के शिखर सम्मेलन में शामिल होना था। यह सम्मेलन डिजिटल माध्यम से हुआ था। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन को भी पिछले दिनों कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को देखते हुए अपना भारत दौरा रद्द करना पड़ा था। इसके बाद चार मई को मोदी और जॉनसन ने डिजिटल माध्यम से बैठक की थी।

मार्च में बांग्लादेश गए थे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च महीने में बांग्लादेश का दौरा किया था। वह बांग्लादेश की आजादी के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोहों में हिस्सा लेने ढाका गए थे। इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्री एस जयशंकर जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने लंदन गए थे। हालांकि, भारतीय प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्यों के कोविड-19 से संक्रमित हो जाने के कारण वह इस बैठक में स्वयं उपस्थित नहीं हो सके थे।

चार मई को दोनों नेताओं के बीच हुई थी वर्चुअल बैठक
बता दें कि इससे पहले 4 मई को दोनों नेताओं के बीच वर्चुअल बैठक हुई थी जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई थी। इस दौरान रोडमैप 2030 भी लॉन्च किया गया, जो अगले 10 सालों में भारत-ब्रिटेन के सहयोग और व्यपार को मजबूती देने में मदद करेगा। ब्रिटिश पीएम ने माना कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है।  बैठक में दोनों नेताओं के बीच कारोबार को लेकर नए अवसर खोलना और भारत-ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर चर्चा हुई।

रक्षा उपकरणों और रोजगार समेत पर इन मुद्दों पर हुई थी चर्चा
इस बैठक में रक्षा उपकरणों के सह-उत्पादन और सह-विकास पर चर्चा हुई थी। दोनों देशों ने इस क्षेत्र में एक दूसरे की मदद करने का भरोसा दिया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार इस व्यापार और निवेश से ब्रिटेन में 6,500 से अधिक रोजगार सृजित होंगे। इस पैकेज में ब्रिटेन में 53.3 करोड़ पौंड का नया भारतीय निवेश शामिल है। इससे स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 6,000 से अधिक रोजगार सृजित होने का अनुमान है।

जॉनसन का भी अप्रैल का दौरा हुआ था रद्द
बता दें कि जॉनसन को पिछले महीने भारत की यात्रा पर आना था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण उनकी यात्रा टल गई थी। इससे पहले, जनवरी में भी, जॉनसन की गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने के लिये भारत आने की योजना थी, लेकिन ब्रिटेन में महामारी फैलने के कारण यात्रा टल गई।