भारत सरकार ने 23 सितंबर को कनाडा में भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमे विदेश मंत्रालय ने बताया कि घृणा अपराधों, सांप्रदायिक हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों की घटनाओं में तेज वृद्धि हुई है।
सिखों के लिए एक स्वतंत्र मातृभूमि बनाने पर “खालिस्तान समर्थक” तत्वों द्वारा एक तथाकथित जनमत संग्रह कराने को लेकर भारत और कनाडा के बीच एक राजनयिक विवाद के बीच विदेश मंत्रालय की यह सलाह सामने आई है। कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियां हाल के वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों में एक अड़चन रही हैं।
भारत सरकार ने कनाडा सरकार को देश में बढ़ रही भारत विरोधी ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी थी। हालांकि, कनाडा सरकार ने खालिस्तान जनमत संग्रह कराकर और देश के कानूनों के कानूनी मानकों के भीतर इसे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जोड़कर उन्हें अपने विचार व्यक्त करने से रोकने से इनकार कर दिया।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा, “कनाडा में घृणा अपराधों, सांप्रदायिक हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों की घटनाओं में तेज वृद्धि हुई है। विदेश मंत्रालय और कनाडा में हमारे उच्चायोग/वाणिज्य दूतावास ने इन घटनाओं को कनाडा के अधिकारियों के साथ उठाया है और उनसे उक्त अपराधों की जांच करने और उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। इन अपराधों के अपराधियों को कनाडा में अब तक न्याय के कटघरे में नहीं लाया गया है।”