भारत-चीन के लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत का पांचवां दौरा रविवार को खत्म हुआ, 10 घंटे चली वार्ता

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लद्दाख में भारत-चीन के बीच मौजूदा तनाव को कम करने को लेकर  भारत और चीन में रविवार को बातचीत का पांचवां दौरा खत्म हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, भारत और चीन के लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के अधिकारियों के बीच चीन की तरफ मोलडो में पांचवें दौर की बातचीत कल रात 9 बजे खत्म हुई. यह बैठक सुबह 11 बजे शुरू होकर लगभग 10 घंटे चली. हालांकि, बातचीत की पूरी डिटेल अभी सामने नहीं आई है लेकिन जानकारी है कि कमांडरों की बैठक में दोनों देशों के बीच LAC पर तनाव को और कम करने पर चर्चा हुई है.

जानकारी है कि इस बैठक में पैंगोंग त्सो फिंगर एरिया को लेकर बातचीत हुई है. पिछले कुछ वक्त से इस एरिया में चीनी सेना की ओर से भारतीय सेना की पेट्रोलिंग में अवरोध डाला गया है, इसलिए यह एरिया विवाद में है

अभी तक हुई बातचीत के हिसाब से दोनों देश विवादित स्थानों से अपनी सेना की तैनाती को घटा रहे हैं और यथास्थिति की ओर लौट रहे हैं. हालांकि. भारत का कहना है कि यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है, वहीं चीन ने पिछले हफ्ते डिस्इंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी होने का दावा किया था. 29 जुलाई को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि दोनों देशों की सेनाओं ने तीन जगहों- गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग्स और कोंका पास पर डिसइंगेजमेंट पूरा कर लिया है और सिर्फ पैंगांग लेक में पीछे हटना बाकी है. लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पूरी तरह पीछे हटने की सहमति पर कुछ काम हुआ है लेकिन यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है.

इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच 6 जून और 22 जून को चीन के मोलडो में और 30 जून और 14 जुलाई को चुशुल में बैठक हुई थी. बता दें कि अप्रैल से ही पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों और LAC पर भारत-चीन के बीच गतिरोध चल रहा है, अभी इसके लिए दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर बातचीत चल ही रही थी, तबतक 15 जून की रात में लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच बड़ी हिंसक झड़प हो गई, जिसमें 20 भारतीय जवानों ने अपनी जान दे दी, वहीं जानकारी थी कि चीन के 40 से कुछ ज्यादा चीनी सैनिकों को भी नुकसान हुआ है. हालांकि, चीन की ओर से इस बारे में कोई बयान नहीं दिया गया