टीटीपी आतंकियों से वार्ता पर घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, विपक्ष बोला- ये सैन्य परिवारों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के सामने घुटने टेकते हुए बातचीत शुरू कर दी है। इसे लेकर वे अपने ही देश में बुरी तरह से घिर गए हैं। विपक्षी दलों ने इमरान के इस कदम को मृत सैनिकों के परिवारों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा बताया और सवाल किया कि इस संवेदनशील मुद्दे पर उन्होंने संसद को भरोसे में क्यों नहीं लिया।

खान ने कहा, तालिबान की मदद से ‘सुलह-सफाई’ के लिए बातचीत कर रही सरकार
डॉन अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक खान ने कहा था कि सरकार टीटीपी सदस्यों को माफी देगी। खान ने कहा है कि उनकी सरकार अफगानिस्तान में तालिबान की मदद से ‘सुलह-सफाई’ के लिए प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कुछ समूहों के साथ वार्ता कर रही है। इस पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के उपाध्यक्ष शेरी रहमान ने सरकार से संसद में उन शर्तों को स्पष्ट करने के लिए कहा जिसके तहत यह वार्ता हो रही है।

पीपीपी के महासचिव नैय्यर बुखारी ने कहा, टीटीपी के साथ बातचीत की खान की घोषणा बहुत संवेदनशील बयान है और इस पर चर्चा के लिए तत्काल संसद का सत्र बुलाया जाना चाहिए। माना जा रहा है कि इस वार्ता में तालिबान नेता सिराजुद्दीन हक्कानी प्रमुख भूमिका निभा रहा है। इस बीच टीटीपी के एक गुट ने दक्षिण वजीरिस्तान में पाक सेना के विरुद्ध हिंसक कार्रवाई रोकने का एलान भी कर दिया।

सवाल : संसद को क्यों नहीं लिया भरोसे में
पाकिस्तान में नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन ने सवाल किया कि देश की संसद में जिक्र किए बिना आतंकियों से बातचीत क्यों शुरू की गई। वहीं, पीपीपी के महासचिव नैय्यर बुखारी ने इमरान खान पर संसद को बाईपास करने का आरोप लगाते हुए सवाल दागा कि संसद और राजनीतिक दलों से टीटीपी के साथ बातचीत के बारे में क्यों छिपाया गया। पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि क्या हमारा देश पेशावर के स्कूल में मासूमों की हत्या को भूल गया है। उन्होंने कहा, खान का देश को इस मुद्दे पर भरोसे में न लेना दुखद है।

उन्हें माफ कर दें ताकि वे भी सामान्य नागरिक बन जाएं : इमरान
डॉन न्यूज के मुताबिक, खान ने तुर्की सरकार के स्वामित्व वाले टीआरटी वर्ल्ड न्यूज चैनल के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि टीटीपी बनाने वाले अलग-अलग समूह हैं और उनमें से कुछ शांति के लिए पाकिस्तान सरकार से बात करना चाहते हैं। इसलिए, हम उनके साथ बातचीत कर रहे हैं। एक सवाल पर खान ने कहा- हां, हम उन्हें माफ कर दें ताकि वे भी सामान्य नागरिक बन जाएं। उन्होंने यह भी कहा, हो सकता है कि हम अंत में किसी निष्कर्ष या समझौते पर नहीं पहुंच सकें, लेकिन हम बात कर रहे हैं। 

पाकिस्तान में हजारों की जान ले चुका टीटीपी
पाकिस्तान में टीटीपी को बुरे आतंकी गुट के रूप में मान्यता दी जाती है। यानी एक ऐसा आतंकी गुट जो पाकिस्तान में रहकर पाक के ही खिलाफ काम करता है। इस संगठन ने अब तक कई बड़ी वारदातों को अंजाम देते हुए हजारों पाक नागरिकों, बच्चों और सेना के जवानों को मौत के घाट उतारा है। बता दें कि पड़ोसी देशों में आतंकी वारदात करने वाले गुटों को पाकिस्तान में अच्छे आतंकियों की मान्यता दी जाती है।

अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल
आमतौर पर पाकिस्तानी तालिबान के रूप में पहचाना जाने वाला टीटीपी, अफगान-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र स्थित एक प्रतिबंधित आतंकवादी समूह है। इसने पूरे पाकिस्तान में कई बड़े आतंकी हमले किए हैं और हमलों की साजिश रचने के लिए अफगान सरजमीं का कथित तौर पर इस्तेमाल किया है।