फाइजर सीईओ: कोरोना वैक्सीन 95 फीसदी असरदार होने का मतलब यह नहीं कि महामारी अब खत्म हो जाएगी

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कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया पर अपना कहर बरपाया है। ऐसा कोई राष्ट्र या द्वीप नहीं बचा, जहां कोरोना वायरस का एक भी मामला ना हो। इस महामारी के फैलते ही इसकी वैक्सीन बनाने पर भी काम होने लगा और धीरे-धीरे कई वैक्सीन तैयार भी हो गईं। 

मॉडर्ना और फाइजर की वैक्सीन कोरोना वायरस को हराने में 95 फीसदी तक असरदार हैं। वैक्सीन के बनते लोगों के बीच यह उम्मीद जगी कि अब महामारी को खत्म करने में आसानी होगी और जल्द ही सभी लोग फिर से सामान्य जिंदगी जीने लगेंगे। हालांकि कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा जरूरी नहीं कि वैक्सीन के तैयार होने के बाद इस महामारी को हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाए।

जानकारों का कहना है कि अगर दुनिया में सभी लोगों को भी वैक्सीन दे दी जाए तो उसके बाद भी लोगों को मास्क पहनना ही होगा और छह फीट की दूरी हमेशा रखनी होगी। मॉडर्ना की वैक्सीन 94.5 फीसदी और फाइजर की वैक्सीन 95 फीसदी तक कोरोना को हराने में असरदार है। 

हालांकि वैक्सीन की प्रभावशीलता सिर्फ यहीं तक हैं कि वो मरीज को कोविड-19 से बचा सकती है लेकिन इससे संक्रमण फैलने से रुक जाए, इसकी कोई गारंटी नहीं है। वैक्सीन लगाने का मतलब सिर्फ इतना ही है कि आप कोरोना की चपेट में आने के बाद ज्यादा गंभीर तौर पर बीमार नहीं पड़ोगे। ये भी अपने आप में बड़ी उपलब्धि है क्योंकि अब तक कोरोना से लाखों लोगों की मौत हो चुकी है।

वैक्सीन संक्रमण को फैलने से नहीं रोकती लेकिन मरीज की इम्यूनिटी क्षमता जरूर बढ़ाती है। इसका मतलब यह हुआ कि मास्क पहनना, शारीरिक दूरी, घरों के अंदर कम भीड़ जैसे नियमों का पालन आगे भी करना होगा। अभी भी कोरोना वायरस को लेकर कई खुलासे होने हैं, इसलिए ये जरूरी है कि कम से कम इन सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का पालन किया जाए।

मौजूदा समय में वैक्सीन सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मचारियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को दी जाएगी। इसके बाद भी अगर बाजार में वैक्सीन उपलब्ध रहेगी तो बुजुर्ग लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना की वैक्सीन को स्टोर करके रखना भी मुश्किल काम है और दोनों ही कंपनियां बड़ी मात्रा में वैक्सीन बना रही हैं।

डॉ. एंथनी फॉसी का कहना है कि सबसे बड़ी बात यह है कि अब हमारे पास कोरोना को हराने के लिए हथियार है लेकिन हमारे पास सब कुछ बदलने का कोई उपकरण नहीं है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि जब दुनिया में सभी लोगों को वैक्सीन लगा दी जाएगी, तो कोरोना वायरस जरूर हारेगा क्योंकि वैक्सीन लगाने के बाद कोरोना का प्रभाव कम होगा।