अमेरिका (USA) की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने फाइजर की पैक्सलोविड (Pfizer’s Paxlovid) कोविड-19 पिल को मंजूरी दे दी है. यह पिल 12 साल या उससे ज्यादा उम्र के हाई-रिस्क वाले कोरोना संक्रमितों को दी जा सकती है. पिल को मंजूरी मिलने पर FDA के सेंटर फॉर ड्रग इवैल्यूएशन एंड रिसर्च के डायरेक्टर पैट्रीजिया कैवाजोनी ने कहा कि महामारी से लड़ाई में यह एक बड़ा कदम है. उन्होंने कहा कि यह पहली बार होगा जब कोरोना मरीजों (Covid Infected) का इलाज पिल के जरिए होगा.
इससे पहले अमेरिकी ड्रग निर्माता कंपनी फाइजर ने कहा था कि उनकी एंटीवायरल कोविड पिल कोरोना के खिलाफ 90% प्रभावी है. इस दवा से हाई रिस्क पेशेंट्स को मौत या अस्पताल में भर्ती होने से बचाया जा सकता है. लैब डेटा के मुताबिक, यह दवा कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट पर भी कारगर साबित हुई है.
अमेरिका ने पैक्सलोविड नामक टैबलेट को बनाकर कोरोना से जूझ रहे लोगों में भी मौत के कम खतरे का दावा किया है. एफडीए वैज्ञानिक पैट्रिजिया कैवाजोनी ने कहा, दुनिया के कई देशों में कोविड का स्वरूप बन चुके कोरोना वायरस के उपचार के लिए एक टैबलेट सफलतापूर्वक तैयार कर ली गई है. कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में ये ऐतिहासिक कदम है.
फाइजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष अल्बर्ट बोरूला ने बताया कि अस्पताल में कोरोना का इलाज कर रहे 2,200 लोगों इस टैबलेट का परीक्षण करने पर इसमें अप्रत्याशित परिणाम सामने आए. टैबलेट से मौत के जोखिम को 88 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है.
ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता अभी-अभी चला है. इसलिए अभी कंपनी ने इसमें इसका परीक्षण नहीं किया है. हालांकि इसके बीच एक्सपर्ट्स का कहना है कि चूंकि टैबलेट के काम करने का तरीका एंटीबॉडीज या वैक्सीन के तरीके से थोड़ा अलग है, इसलिए ये टैबलेट ओमिक्रॉन ही नहीं कोरोना के किसी भी वेरिएंट के खिलाफ कारगर होगा.
अमेरिकी दवा नियंत्रक यूएसएफडीए की समिति के सामने पैक्सलोविड टैबलेट का आवेदन पहुंचा था. समिति के सभी सदस्यों ने इसके इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. इसे लेकर समिति को सुरक्षा संबंधी ज्यादा खतरा नहीं दिखा है. पैक्सलोविड टैबलेट प्रॉटीज की गतिविधि रोक देता है. प्रॉटीज एक एंजाइम है जो वायरस को रेप्लिकेट करने में मदद करता है.