चीन के हमले का बढ़ा खतर – ताइवान ने तेज किया सैन्‍य प्रशिक्षण, तैयार कर रहा रिजर्व सेना

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ताइवान (Taiwan) और चीन (China) के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है. इसे ध्यान में रखते हुए ताइवान ने अपनी सेना की ट्रेनिंग तेज कर दी है. दरअसल, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने अपने महत्वाकांक्षी सैन्य आधुनिकीकरण को पूरा कर लिया है. इतना ही नहीं ताइवान के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी श्वेत पत्र में कहा गया है कि चीनी सेना (Chinese Army) के पास बड़े हवाई अड्डों और बंदरगाहों को बंद करने की क्षमता है. वहीं, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (US Defense Ministry) का कहना है कि चीन में ताइवान के नेतृत्व को वर्ष 2027 तक वार्ता की मेज पर बैठने के लिए मजबूर करने की क्षमता है.

2016 में सत्ता संभालने के बाद से राष्ट्रपति त्साई इंग वेन (Tsai Ing Wen) ने ताइवान की सेना (Taiwan Army) की ताकत बढ़ाने पर पूरा जोर दिया है. चीन से लगातार बिगड़ रहे रिश्तों को देखते हुए ताइवान ने अमेरिका से बड़े पैमाने पर हथियार खरीदे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने 75 करोड़ डॉलर के हथियारों को ताइवान को बेचने की अपनी मंजूरी दे दी है. इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने साल 2020 में 5.1 अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री की इजाजत दी थी. ताइवान अमेरिका के सबसे बड़े रक्षा खरीददारों में से एक है. इसे लेकर चीन नाराजगी भी जता चुका है.

पुरुष नागरिकों को पूरी करनी होगी राष्ट्रीय सेवा
चीन के बढ़ते खतरे के बीच ताइवान का रक्षा मंत्रालय (Taiwan Defense Ministry) अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त 9 अरब डॉलर की मांग कर रहा है. इसे आने वाले पांच सालों में दिया जाना है. ये पैसा उनके मौजूदा रक्षा बजट से अतिरिक्त है. ताइवान के भविष्य पर मंडरा रहे खतरे के बीच अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या आम जनता इसके लिए तैयार होगी. ताइवान (China-Taiwan Relstions) ने सभी पुरुष नागरिकों के लिए राष्ट्रीय सेवा पूरी करना अनिवार्य कर दिया है. हकीकत में इसका मतलब है कि उन्हें सेना के साथ मिलकर लड़ने के लिए तैयार रहना होगा.

रिजर्व सैनिकों को तैयार कर रहा है ताइवान
ताइवान के सैनिकों की संख्या वर्तमान में 188,000 है और यदि नागरिक ठेकेदारों और ट्रेनी को मिला दिया जाए तो यह बढ़कर 215,000 हो सकती है. ताइवान अधिक सैनिकों को अलर्ट मोड पर नहीं रख सकता है, इसलिए अब सैनिकों के रिजर्व के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है. ये रिजर्व ताइवानी सैनिक चीन से बमबारी की स्थिति में रनवे की मरम्मत, वाहनों की मरम्मत और खाई खोदने में सक्षम होंगे. हमले की स्थिति में पहले दौर में करीब 10 लाख रिजर्व सैनिकों को बुलाया जा सकता है. हालांकि, कई सैन्य विशेषज्ञ इस रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि ये युद्ध लड़ने के लिए कुशल नहीं होंगे.