नवरात्रि के पहले दिन उत्तर प्रदेश के मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु, सरकार का कोविड प्रोटोकॉल पर जोर – रात आठ बजे से प्रवेश पर रोक

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चेत्र नवरात्रि के पहले दिन मंगलवार को प्रदेश की बड़ी शक्तिपीठ विंध्यधाम के साथ ही हर महानगर में मंदिर में श्रद्धालु सुबह से ही पूजा-अर्चना में लगे हैं। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बढ़ते संक्रमण के कारण सरकार ने काफी सख्ती की है। मंदिरों में गर्भगृह में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। एक साथ मंदिर में दर्शन के लिए पांच से अधिक लोगों को प्रवेश न देने के प्रतिबंध के बाद भी कई जगह पर भीड़ उमड़ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी नवरात्र पर समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।

प्रदेश में यह लगातार दूसरे वर्ष है, जब मां विंध्यवासिनी की पूजा-अर्चना कोविड प्रोटोकॉल के दायरे में हो रही है। नवरात्रि में इस बार रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू होने से रात नौ से सुबह छह बजे तक मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन पर भी रोक है। मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी के मंदिर में देश के कोने-कोने से लोग मां का दर्शन पाने पहुंच रहे हैं। कोविड प्रोटोकॉल के कारण मंदिर में एक बार में सिर्फ पांच लोगों के प्रवेश की ही अनुमति है। कोविड-19 के प्रोटोकाल के तहत बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 72 घंटे की निगेटिव रिपोर्ट के साथ एक बार मे केवल पांच भक्तों को ही दर्शन की अनुमति मिलेगी। आदिशक्ति जगदम्बा का परमधाम विंध्याचल केवल एक तीर्थ नहीं बल्कि प्रमुख शक्तिपीठ है। पहले दिन श्रद्धालु पूरी श्रद्धा के साथ आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन कर रहे हैं। घंटी-घडिय़ाल से पूरा विंध्य क्षेत्र गुंजायमान है। दूसरी बार चैत्र नवरात्रि पर कोरोना का ग्रहण लग रहा है।

मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी के धाम में भी इस बार कोरोना संक्रमण का बड़ा असर देखा जा रहा है। यहां चैत्र नवरात्रि को लेकर प्रशासन काफी सतर्क है। मिर्जापुर में नाइट कर्फ्यू के कारण लोगों को सीमित समय में भी दर्शन करने दिया जा रहा है। इसके साथ ही अब कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर ही दर्शनार्थी विंध्यधाम में प्रवेश कर सकेंगे। विंध्याचल में वही दर्शनार्थी प्रवेश कर सकेगा, जो 72 घंटे के अंदर कोरोना जांच कराया हो और उनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव हो। जांच रिपोर्ट व आधार कार्ड लाना अनिवार्य होगा। मंदिर के गर्भगृह में एक बार में अधिकतम पांच लोग ही प्रवेश कर सकेंगे। बिना मास्क लगाए कोई भी दर्शनार्थी मंदिर पर प्रवेश नहीं कर पाएगा। इसके साथ ही छोटी आरती के लिए शाम आठ बजे बजे विंध्यवासिनी मंदिर का कपाट बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद मंदिर पर कोई भी दर्शनार्थी प्रवेश नहीं कर पाएगा।

: बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने 11 अप्रैल की रात नौ बजे से सुबह बजे तक रात्रि कर्फ्यू की घोषणा कर दी। चैत्र नवरात्र के दौरान देश के कोने से दर्शन-पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से संक्रमण बढऩे का खतरा मंडराने लगा। दर्शन-पूजन पर भी रात्रि कर्फ्यू लागू कर दिया गया। विंध्यवासिनी मंदिर के चरण स्पर्श पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही दर्शनाॢथयों को संक्रमण से बचाव के लिए गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है।