पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी बोले- जरूरत के वक्त पीछे हट जाता है सऊदी अरब

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पाकिस्तान और सऊदी अरब के रिश्तों में तल्खी बढ़ती नजर आ रही है। पांच दिन में दूसरी बार पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सऊदी अरब पर कश्मीर मुद्दे पर सहयोग और समर्थन न देने के आरोप लगाए। हालांकि, उन्होंने यह मानने से इनकार कर दिया कि दोनों इस्लामी मुल्कों में दूरी बढ़ रही है। कुरैशी ने कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में आरोप लगाया था कि सऊदी अरब जरूरत होने पर पाकिस्तान की मदद से हाथ खींच लेता है।

सऊदी अरब को सब पता है
कुरैशी मीडिया के जरिए अपनी बात सऊदी सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। पांच दिन में दूसरी बात उन्होंने सऊदी अरब पर निशाना साधा। जियो न्यूज को दिए इंटरव्यू में कुरैशी ने कहा- सऊदी पाकिस्तान के लोगों की भावनाएं समझता है। इसलिए हम ये मान सकते हैं कि वो हमारा सहयोगी है। लेकिन, हम एक साल से यह मांग कर रहे हैं कि कश्मीर मुद्दे पर ऑर्गनाइजेशन ऑफ मुस्लिम कंट्रीज (ओआईसी) की बैठक बुलाई जानी चाहिए। लेकिन, सऊदी सरकार इसे हर बार नामंजूर कर देती है।

सऊदी अब पाकिस्तान से नाराज
पाकिस्तान और सऊदी के बीच तल्खी बढ़ गई है। कुछ दिन पहले कुरैशी ने एक और इंटरव्यू दिया था। इसमें कहा था कि पाकिस्तान चाहे तो सऊदी की मदद के बिना भी कश्मीर मुद्दे पर आगे बढ़ सकता है। इतना ही नहीं कुरैशी ने ये इशारा भी कर दिया था कि पाकिस्तान दूसरे इस्लामी मुल्कों के साथ नया संगठन बना सकता है। कहा जाता है कि इस बयान से सऊदी अरब सरकार बेहद खफा है। अब कुरैशी ने सफाई देने की कोशिश की है।

कोरी धमकी या कुछ हकीकत
इसी हफ्ते पाकिस्तान ने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की थी। पांच स्थायी देशों में से सिर्फ चीन ने उसका साथ दिया। ओआईसी में भी उसको समर्थन हासिल नहीं है। यूएन और ओआईसी में सिर्फ तुर्की उसका साथ देता है। मलेशिया ने भी हाथ पीछे खींच लिए हैं। लिहाजा, ओआईसी जैसा मुस्लिम देशों का संगठन बनाने की बात सिर्फ कोरी धमकी समझी जा सकती है।

विपक्ष का आरोप
कुरैशी ने माना है कि सऊदी ने बहुत मुश्किल वक्त में पाकिस्तान की मदद की है। दूसरी तरफ विपक्ष इमरान सरकार पर आरोप लगा रहा है कि वो सऊदी और यूएई से रिश्ते खराब कर रही है और मुल्क का इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।