किसान तीन कृषि कानूनों (Three Farm Laws) को लेकर एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए थे. इस आंदोलन (Kisan Andolan) की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन (BKU) और कई अन्य संगठनों ने की. केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले चुकी है और किसानों से एमएसपी (MSP) पर भी बातचीत चल रही है. आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को राज्य सरकारें मुआवजा और नौकरी दे रही हैं. इस बीच किसानों ने 9 दिसंबर को आंदोलन वापस लेने की बात कही और बताया कि 11 से 15 दिसंबर के बीच दिल्ली के बॉर्डर खाली कर दिए जाएंगे. बुधवार 15 दिसंबर को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने स्पष्ट कर दिया कि उनका आंदोलन स्थगित हुआ है, खत्म नहीं.
राकेश टिकैत ने कहा, ‘मैं उन सब लोगों का आभारी हूं, जिन्होंने हमारा साथ दिया. जिन लोगों ने लंगर की व्यवस्था की और गांव के लोगों को भी कोटि-कोटि नमन, जिन्होंने जरूरी चीजों की आपूर्ति की. केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद उनसे बातचीत जारी है. हमारा आंदोलन स्थगित हुआ है, खत्म नहीं.’
इस बीच दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा के पास कौशांबी में किसानों ने प्रदर्शन स्थल को छोड़ने से पहले जमकर जश्न मनाया.
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