कोरोना वायरस प्रकोप के कारण बने आर्थिक संकट के हालातों के बीच ज्यादातर कंपनियां अपने कारोबार को बनाए रखने के लिए या तो कर्मचरियों की छंटनी कर खर्च कम रही हैं या उनके वेतन में कटौती कर बचत कर रही हैं. कोरोना संकट के दौरान लाखों लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं. वहीं देश के करोड़ों लोगों का रोजगार ठप हो गया है. इस बीच देश के तीसरे सबसे बड़े निजी कर्जदाता एक्सिस बैंक ने अपने 76,000 कर्मचरियों के वेतन में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. यही नहीं बैंक उन्हें बोनस भी दे रहा है.
एक्सिस बैंक लिमिटेड प्रदर्शन के आधार पर अपने कर्मचारियों के वेतन में 4 से 12 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर रहा है. वेतन वृद्धि का ये फैसला 1 अक्टूबर 2020 से लागू हो जाएगा. इससे पहले देश के सबसे बड़े निजी कर्जदाता एडीएफसी बैंक लिमिटेड ने अप्रैल 2020 में अपने कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का तोहफा दिया था. इसके अलावा बैंक ने कर्मचरियों को बोनस भी दिया था. वहीं, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड ने भी अपने 1,00,000 कर्मचारियों में से 80 फीसदी को बोनस और वेतनवृद्धि का तोहफा दिया था.
हालांकि, ऐसा नहीं है कि सभी निजी बैंक अपने कर्मचरियों की सैलरी बढ़ा रहे हैं और बोनस दे रहे हैं. वैश्विक महामारी के कारण क्रेडिट ग्रोथ में आई अड़चनों के बीच कई निजी बैंकों ने वेतन कटौती का फैसला भी लिया है. इसी कड़ी में देश के चौथे सबसे बड़े कर्जदाता कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड ने सालाना 25 लाख रुपये से ज्यादा पाने वाले अपने अधिकारियों के वेतन में 10 फीसदी कटौती का फैसला किया. वहीं, सीनियर मैनेजमेंट के वेतन में 15 फीसदी की कटौती की गई है.