यूपी में एक दिन में सर्वाधिक कोरोना मामले, 24 घंटे में 4658 केस, 61 लोगों की मौत

169

उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 4658 नए मामले सामने आए हैं जबकि 61 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या गुरुवार को 1918 हो गई. इस तरह राज्य में एक दिन में संक्रमण और मौत के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं. अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि 43,654 मरीजों का उपचार चल रहा है जबकि 63,402 लोग ठीक हो चुके हैं.उन्होंने बताया कि संक्रमण की वजह से बीते 24 घंटे में 61 और मौतों के साथ अब तक 1918 लोगों की मौत हुई है. यूपी में संक्रमितों की संख्या 1,08,974 हो गई है. इस तरह राज्य में एक दिन में संक्रमण और मौत के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं.

प्रसाद ने बताया कि बुधवार को प्रदेश में 87,348 नमूनों की जांच की गयी. अब तक 27,97,687 नमूनों की जांच हो चुकी है.बुधवार को 59,846 नमूनों की जांच एंटीजन के जरिए और बाकी आरटी-पीसीआर एवं ट्रूनेट के जरिए की गयी . अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इस समय प्रदेश में घर पर क्‍वारंटाइन में 14,206 लोग रह रहे हैं जबकि 1282 लोग निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं, जहां भुगतान के द्वारा इलाज की सुविधा उपलब्ध है. इसके अलावा अर्द्धभुगतान व्यवस्था में 178 लोग इलाज करा रहे हैं उन्होंने बताया कि अर्द्धभुगतान व्यवस्था में होटलों में लक्षणविहीन लोग जहां रहते हैं, वहां सरकारी चिकित्सकीय टीम उन्हें चिकित्सा सुविधा देती है. बाकी समस्त मरीज हमारी त्रिस्तरीय व्यवस्था एल-1, एल-2, और एल-3 में अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं.

उन्होंने बताया कि निगरानी का कार्य लगातार चल रहा है . कुल 46,504 इलाकों में निगरानी का कार्य किया गया . प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है. प्रमुख कार्यालयों, प्रतिष्ठानें, सरकारी अस्पतालों और निजी चिकित्सालयों में कोविड हेल्पडेस्क की स्थापना की गयी है, जहां किसी भी व्यक्ति की प्रारंभिक स्क्रीनिंग की जा सकती है. अब तक 61,350 कोविड हेल्पडेस्क बनाए गए हैं और इनके जरिए लक्षण वाले 3,12,972 लोगों को चिन्हित किया गया है. उनके नमूने की जांच करायी गयी है.उन्होंने बताया, ””कोविड हेल्पडेस्क उत्तर प्रदेश राज्य का अभिनव प्रयोग है. उसका हमें निरंतर लाभ मिल रहा है. कोविड हेल्पडेस्क पर इन्फ्रारेड थर्मामीटर, पल्स आक्सीमीटर और सैनीटाइजर उपलब्ध होता है.वहां जांच के बाद अगर किसी में लक्षण मिलता है तो उसे प्रतिष्ठान में आने से मना किया जाता है ताकि अन्य लोगों को किसी तरह के संक्रमण की आशंका ना रहे.”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here