मध्य प्रदेश में संक्रमण से बिगड़ रहे हालात, 44 जिलों में पहले से ज्यादा घातक हुई कोरोना की लहर 

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कोरोना से भाजपा शासित मध्य प्रदेश के 44 जिलों में कोरोना की लहर पहले की तुलना में ज्यादा घातक हो चुकी है। यहां हर दिन 13.4 फीसदी की रफ्तार से मिल रहे संक्रमण के मामले नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। बीते दो सप्ताह में नए मामलों में 79 फीसदी उछाल आया है। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ बृहस्पतिवार को हुई राज्य के अधिकारियों की बैठक में बताया गया कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और खंडवा जिला सबसे बुरी तरह प्रभावित हैं। कोरोना की जांच को लेकर 17 से 23 मार्च और 7 से 13 अप्रैल के बीच की स्थिति देखी गई तो पता चला कि आरटी पीसीआर की जांच में अब 73 फीसदी सैंपल संक्रमित मिल रहे हैं जबकि पहले यह आंकड़ा 67 फीसदी था। एंटीजन जांच में पहले 31 फीसदी सैंपल संक्रमित मिल रहे थे लेकिन अब ये 25 फीसदी ही मिल रहे हैं। इसलिए राज्य के अधिकारियों से आरटी पीसीआर जांच पर ध्यान बढ़ाने के लिए कहा गया।

केंद्र की सलाह, एक संक्रमित मिलेे तो 25 लोगों की जांच हो
बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह दी है कि प्रदेश में एक संक्रमित मरीज मिलने पर कम से कम 25 से 30 लोगों की जांच होनी चाहिए। इनकी रिपोर्ट 72 घंटे में पता चलनी चाहिए ताकि संक्रमण के स्त्रोत का पता लगाया जा सके। ऑक्सीजन सप्लाई, आईसीयू बेड के भी व्यवस्थित योजना की जरूरत सामने आई। बैठक के अंत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण को 100 फीसदी सफल बनाने के लिए राज्य सरकार से अपील की है कि वह टीकाकरण केंद्रों की रोजाना समीक्षा करते हुए तय लक्ष्य समूह को जल्द से जल्द कवर करे।