स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों को टीके की दूसरी डोज देने की प्रभावी योजना बनाएं राज्य – केंद्र

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सबको वैक्सीन देने के चक्कर में कोरोना वायरस की दूसरी खुराक का टीकाकरण पिछड़ रहा है। बृहस्पतिवार को हुई बैठक में राज्यों को काफी सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि 5 महीने बाद भी स्वास्थ्य कर्मचारी और फ्रंटलाइन वर्करों में टीकाकरण पूरा नहीं हो पा रहा है।

अधिकारियों ने यहां तक कहा कि इस वर्ग के सभी लोगों को टीका देना तो दूर 80% तक भी लक्ष्य नहीं पहुंच पा रहा है। बैठक में 18 राज्यों को विशेष हिदायत देते हुए स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि 26 जनवरी से देश में स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन दी जा रही है।

अब तक 82 फ़ीसदी को पहली खुराक मिल चुकी है लेकिन इनमें से केवल 56% को ही दूसरी खुराक मिली है। पंजाब, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और असम सहित 18 राज्यों में यह स्थिति और भी ज्यादा गंभीर है क्योंकि यहां दूसरा टीकाकरण राष्ट्रीय औसत से भी नीचे है।

इसी प्रकार 85% फ्रंटलाइन वर्करों को अब तक 1 खुराक मिल चुकी है लेकिन दूसरी खुराक से 47% को ही मिली है। 19 राज्यों में 47 फीसदी से भी कम यह आंकड़ा है। ऐसी स्थिति इसलिए पैदा हो रही है क्योंकि हम हर किसी को वैक्सीन देने के चक्कर में जिन्हें दूसरी खुराक देनी है, उन पर विचार नहीं कर पा रहे हैं। बिहार, हरियाणा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी, तेलंगाना, कर्नाटक और पंजाब सहित 19 राज्य में फ्रंटलाइन वर्करों को दूसरी खुराक देने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।