भारत कोरोना की तीसरी लहर की चपेट में है और लगभग पूरे देश में कई तरह की गतिविधियों पर पाबंदियां लगी हुई हैं. कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट तेजी से पांव पसार रहा है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह ज्यादा गंभीर संक्रमण पैदा नहीं कर रहा, लेकिन बेहद संक्रामक है, जिसके कारण यह तेजी से फैल रहा है. जिन लोगों ने किसी भी कारण वैक्सीन नहीं लगवाई है तीसरी लहर में वही लोग ज्यादा इसकी चपेट में आ रहे हैं. टीकाकरण नहीं करवाने वाले लोगों में ही तीसरी लहर के दौरान गंभीर संक्रमण और मृत्यु के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.
दिल्ली में कोविड-19 के कारण 13 से 15 जनवरी के बीच कुल 89 मरीजों की मौत हुई, जिनमें से केवल 36 प्रतिशत लोगों ने ही टीके की दोनों खुराक ली थीं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 13 से 25 जनवरी के बीच कोविड-19 के कारण कुल 438 मरीजों की मौत हुई, जिनमें से 94 मरीज ऐसे थे, जिनकी मौत का प्रमुख कारण वायरस से संक्रमण था.
आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों में अधिकतर मरीज गुर्दे, कैंसर और फेफड़े संबंधी अन्य जानलेवा बीमारियों से पीड़ित थे. दिल्ली सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, एक जनवरी से 23 जनवरी के बीच 2503 कुल नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई, जिनमें से 79 प्रतिशत नमूनों में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप की पुष्टि हुई.
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