भारत के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने बुधवार को कहा कि शार्दुल ठाकुर के पास तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर बनने की क्षमता है जिसकी टीम को जरूरत है क्योंकि हार्दिक पंड्या पीठ की चोट के कारण गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं. पंड्या को इंग्लैंड दौरे के लिए भारत की टेस्ट टीम में शामिल नहीं किया गया है क्योंकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अनुसार वह ‘गेंदबाजी करने की स्थिति में नहीं’ हैं.
पीटीआई से बात करते हुए अरुण ने कहा कि अगले विकल्पों का समूह ढूंढने में अंतिम फैसला चयनकर्ताओं का होगा लेकिन ठाकुर ने निश्चित तौर पर मजबूत दावा पेश किया है. अरुण ने कहा, ‘‘उन्हें (ऑलराउंडर को) ढूंढना चयनकर्ताओं का काम है और फिर हम उन आलराउंडरों को निखार सकते हैं. शारदुल ने साबित किया है कि वह आलराउंडर बन सकता है. आस्ट्रेलिया में उसने शानदार काम किया.’’
पंड्या ने पिछला टेस्ट 2018 में इंग्लैंड दौरे के दौरान खेला था. वह 2019 से पीठ की चोट से जूझ रहे हैं और हाल में इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान भी उनके कंधे में हल्की चोट लगी थी. अरुण ने स्वीकार किया कि पंड्या जैसे अच्छे विकल्प की तलाश करना बेहद मुश्किल काम है. उन्होंने कहा, ‘‘काश सिर्फ चाहने से हम इस तरह का गेंदबाज तैयार कर लेते. हार्दिक असाधारण प्रतिभा है लेकिन दुर्भाग्य ने उसे पीठ का आपरेशन कराना पड़ा और इसके बाद वापसी करना आसान नहीं रहा.’’
अरुण ने कहा, ‘‘उसने इंग्लैंड के खिलाफ गेंदबाजी की, मुझे लगता है कि उसने काफी अच्छा काम किया लेकिन वह लगातार गेंदबाजी करे इसके लिए हमें बेहतर प्रबंधन करना होगा और उसे मजबूत बनाने पर काम करना होगा.’’ दो टेस्ट खेलने वाले ठाकुर ने इस साल आस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी की सरजमीं पर हुए टेस्ट मैच में प्रभावित किया था और ब्रिसबेन में अर्धशतक जड़ने के अलावा मैच में सात विकेट चटकाए थे.
अरुण ने कहा, ‘‘आदर्श स्थिति में कहूं तो हां (हमें तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर तैयार करने की जरूरत है), कुछ मौजूद हैं (घरेलू क्रिकेट में) क्योंकि हम हमेशा भारतीय टीम के साथ रहते हैं इसलिए हमें घरेलू ऑलराउंडरों को देखने का मौका नहीं मिलता.’’
ठाकुर भी उन्हें गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में देखने की इच्छा जता चुके हैं और इंग्लैंड के आगामी दौरे पर उन्हें पर्याप्त मौके मिलने की उम्मीद है. जैविक रूप से सुरक्षित माहौल के लंबे समय तक खेल का हिस्सा बना रहने की संभावना है और ऐसे में अरुण ने कहा कि दौरे के दौरान सभी छह तेज गेंदबाजों को रोटेट किया जाएगा क्योंकि टीम अपने खिलाड़ियों के काम के बोझ का प्रबंधन करेगी.
भारत को इंग्लैंड दौरे पर छह टेस्ट खेलने हैं जिसकी शुरुआत 18 जून को न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के साथ होगी. कोविड-19 महामारी के बीच जैविक रूप से सुरक्षित माहौल की थकान से निपटने के लिए शीर्ष टीमों में अब तक सिर्फ इंग्लैंड ने स्पष्ट नीति बनाई है।
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