GDP Growth: देश में लौटी आर्थिक तरक्की, दूसरी तिमाही में 8.4% रही जीडीपी ग्रोथ

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सरकार की ओर से दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। इनके मुताबिक, जुलाई सितंबर तिमाही की विकास दर में बढ़ोतरी देखने को मिली है। आंकड़ों के अनुसार, दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी 8.4 फीसदी की दर से बढ़ी है। कोर सेक्टर की अगर बात करें तो आठ कोर सेक्टर में विकास दर में इजाफा हुआ है। इनकी विकास दर अक्तूबर में 7.5 फीसदी की गति से आगे बढ़ी है। 

बीते वित्त वर्ष -7.4 फीसदी रही थी जीडीपी ग्रोथ
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों को देखें तो जीडीपी ग्रोथ में एक फीसदी का इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2020-21 की जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी -7.4 फीसदी रही थी। इससे पहले जून तिमाही में भारत की जीडीपी सबसे तेज दर के साथ बढ़ी थी। इस दौरान जीडीपी की 20.1 फीसदी की दर से बढ़ी थी। 

राजकोषीय घाटा लक्ष्य का 36.3 फीसदी रहा
अप्रैल-अक्तूबर के दौरान राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य के 36.3 फीसदी पर रहा है। कुल टैक्स रिसिप्ट 10.53 लाख करोड़ रुपये रहा है, जबकि कुल खर्च 18.27 लाख करोड़ रुपये रहा है। बता दें कि सरकार ने इस साल राजकोषीय घाटा 6.8 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया था। 

चीन से बेहतर रही है भारत की स्थिति: सीईए
उधर, देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा कि फॉर्मल सेक्टर कोविड संकट के बाद तेजी से उभरा है, जबकि इस पर महामारी का खासा असर पड़ा था। इसके उत्पादन की प्रकृति बताती है कि यह कम प्रभावित रहेगा। ईसीए ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र पहले से अधिक मजबूत होकर उभरा है और उत्पादन क्षेत्र दिखाता है कि इस दशक में भारत तेज रफ्तार से वृद्धि करेगा। उन्होंने कहा कि साल 2015 से 2019 के बीच कुल उत्पादन लागत, कारोबारी निर्यात और विनिर्मित वस्तुओं के निर्यात में भारत की सकल वार्षिक वृद्धि चीन से अधिक रही है।