पीएफ और टैक्स से जुड़े कई नियमों में होने वाला है 1 अप्रैल से बदलाव, यहां जाने पूरी डिटेलस वरना देना होगा दोगुना टीडीएस

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1 अप्रैल से आपके पैसे और टैक्स से जुड़े कई तरह के बदलाव होने जा रहे हैं तो आप इसको आज ही जान लें. बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास और सैलरीड क्लास के लिए कई तरह के ऐलान किए गए हैं. ये नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू हो जाएंगे. हालांकि जिन भी लोगों की उम्र 75 साल से ज्यादा है उन्हें इस बार टैक्स से राहत दी गई है यानी उन लोगों को टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करना होगा. आइए आपको इन बदलावों के बारे में बताते हैं-

इनकम टैक्स विभाग की ओर से जारी किए गए नए नियम के मुताबिक, 1 अप्रैल 2021 से 2.5 लाख रुपये से ज्यादा पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन करने पर जो इंटरेस्ट मिलेगा उस पर आपको टैक्स देना होगा. वित्तमंत्री ने ज्यादा सैलरी वाले कर्मचारी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है. हालांकि इसका असर 2 लाख रुपये मंथली सैलरी वालों के ऊपर ही पड़ेगा.

केंद्र सरकार आईटीआर फाइलिंग को बढ़ावा दे रही है. सरकार ने नया नियम बनाया है कि जो भी लोग आईटीआर फाइल नहीं करेंगे उनको डबल टीडीएस देना होगा. सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट में सेक्शन 206AB को जोड़ दिया है. इस सेक्शन के मुताबिक, अब आईटीआर फाइल नहीं करने पर 1 अप्रैल, 2021 से दोगुना टीडीएस देना होगा.

आपको बता दें नए नियमों के मुताबिक, 1 जुलाई 2021 से पीनल टीडीएस और टीसीएल दरें 10-20 फीसदी होंगी जो कि आमतौर पर 5-10 फीसदी होती हैं. आईटीआर दाखिल नहीं करने वालों के लिए टीडीएस और टीसीएस की दर, 5 फीसदी या तय दर, जो भी ज्यादा हो, उससे दोगुनी हो जाएगी.

आपको बता दें सरकार एलटीसी स्कीम का विस्तार कर रही है. नए फाइनेंशियल ईयर में यह स्कीम लागू हो जाएगी. बता दें इस स्कीम का फायदा उन कर्मचारियों को मिलेगा, जिन्होंने कोरोना महामारी के चलते प्रतिबंध की वजह से एलटीसी टैक्स बेनिफिट का फायदा नहीं उठाया था

कर्मचारियों का ध्यान रखते हुए सरकार ने टैक्स रिटर्न फाइल करने के प्रोसेस को आसान बना दिया है. 1 अप्रैल 2021 से इंडिविडुअल टैक्सपेयर्स को प्री-फील्ड आईटीआर फॉर्म मुहैया कराया जाएगा. इससे आईटीआर फाइल करना आसान हो जाएगा.

बजट में वित्तमंत्री ने ऐलान किया था कि 75 साल से ज्यादा के लोगों को टैक्स से राहत दी गई है. यानी 1 अप्रैल 2021 से 75 साल से अधिक उम्र के लोगों को टैक्स फाइल नहीं करना होगा. बता दें यह छूट उन सीनियर सिटीजंस को दी गई है जो पेंशन या फिर फिक्स्ड डिपोजिट पर मिलने वाले ब्याज पर आश्रित हैं.