अब नहीं कर पाएंगे आप टैक्स की चोरी, केंद्र सर्कार ने इन कारोबारियों के लिए बनाया ये नया नियम

263

केंद्र सरकार ने जीएसटी के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए नियमों में बदलाव किया है. वित्त मंत्रालय के अनुसार यह कदम फर्जी इनवॉइस के जरिए कर चोरी रोकने के लिए उठाया है.  इस नियम के अनुसार अब मंथली 50 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाले व्यापारियों को जीएसटी का 1 प्रतिशत हिस्सा कैश जमा करना होगा. इसके साथ ही व्यापारियों को 99 प्रतिशत टैक्स पहले की तरह इनपुट टैक्स क्रेडिट का इस्तेमाल करके चुकाने की इजाज़त दी गई है. 

केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने के अनुसार फर्जीवाड़ा रोकने के लिए जीएसटी के नियमों में नियम 86B जोड़ा गया है. यह नियम जीएसटी देनदारी का 99 फीसदी तक ही इनपुट टैक्स क्रेडिट के इस्तेमाल से चुकाने की इजाज़त देता है. वहीं CBIC ने कहा कि किसी महीने में कर योग्य आपूर्ति का मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक होने पर कोई भी रजिस्टर्ड व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में उपलब्ध राशि का इस्तेमाल 99 फीसदी से अधिक कर देनदारी को पूरा करने के लिए नहीं कर सकता.

CBIC के अनुसार जीएसटी के नियमों किया गया यह बदलाव उन कारोबारियों पर लागू नहीं होगा. जहां कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर या पार्टनर ने 1 लाख रूपये से ज्यादा की राशि इनकम टैक्स के तौर पर जमा की है. इसके साथ ही यह नियम बीते वर्ष में जीएसटी रजिस्टर व्यक्ति को 1 लाख रुपये से ज्यादा के इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड के मामले में भी लागू नहीं होगा.

CBIC ने कहा है कि टर्नओवर की लिमिट कैलकुलेट करते वक्त जीएसटी के दायरे में न आने वाले सामान और जीरो टैक्स रेट वाली सप्लाई को शामिल नहीं किया जाएगा. वहीं जानकारों का कहना है कि सरकार ने नियम 89B से 50 लाख रुपये मासिक से अधिक के टर्नओवर वाले कारोबार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिये कर देनदारी के भुगतान को 99 फीसदी तक सीमित किया है. इस कदम का मकसद कंपनियों को जाली बिलों के जरिये आईटीसी का दुरुपयोग करने से रोकना है.